अगली ख़बर
Newszop

Investment : RD और SIP में अंतर जानें, और अपनी कमाई को सही दिशा दें

Send Push

Investment : पैसे कमाने की मेहनत तो हर कोई करता है, लेकिन उसे सही जगह निवेश (Investment) करना उतना ही जरूरी है। चाहे आपकी कमाई कितनी भी हो, भविष्य के लिए बचत और निवेश (Investment) का प्लान बनाना समझदारी है। मुश्किल वक्त में आपकी जमा पूंजी ही आपका सबसे बड़ा सहारा बनती है।

लेकिन सवाल यह है कि निवेश (Investment) कहां और कैसे करें? बाजार में कई विकल्प हैं, लेकिन रिकरिंग डिपॉजिट (RD) और सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) दो ऐसे तरीके हैं जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। आइए, जानते हैं कि आपके लिए कौन सा निवेश (Investment) बेहतर है और क्यों।

RD और SIP: दोनों में क्या है खास?

रिकरिंग डिपॉजिट (RD)

RD एक ऐसा निवेश (Investment) विकल्प है, जिसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ब्याज दर पहले से तय होती है, यानी जोखिम बिल्कुल नहीं के बराबर। तय समय पूरा होने पर आपको आपकी जमा राशि के साथ-साथ उस पर मिला ब्याज भी मिलता है। यह उन लोगों के लिए शानदार है जो सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं।

सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP)

वहीं, SIP म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश का एक आसान और लचीला तरीका है। इसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि डालते हैं, जो शेयर बाजार में निवेश होती है। हां, इसमें थोड़ा जोखिम जरूर है, लेकिन लंबे समय में रिटर्न RD से कहीं ज्यादा हो सकता है। SIP में आप बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर औसतन 10-15% का सालाना रिटर्न कमा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, छोटी अवधि में नुकसान का खतरा भी रहता है। SIP की खास बात यह है कि इसमें कोई सख्त लॉक-इन पीरियड नहीं होता, और आप इसे कभी भी रोक या बदल सकते हैं।

RD और SIP में क्या है अंतर?

सुरक्षा और रिटर्न में फर्क

रिकरिंग डिपॉजिट (RD) में निवेश (Investment) बैंक या पोस्ट ऑफिस के जरिए होता है। इसमें आपको 6% से 7.5% तक का गारंटीड रिटर्न मिलता है, और जोखिम लगभग न के बराबर है। लेकिन इसमें लॉक-इन अवधि होती है, जो 6 महीने से लेकर 10 साल तक हो सकती है। अगर आप समय से पहले पैसे निकालते हैं, तो पेनल्टी देनी पड़ सकती है। साथ ही, RD के ब्याज पर टैक्स भी देना होता है। यह उन लोगों के लिए बेस्ट है जो स्थिर और सुरक्षित निवेश (Investment) चाहते हैं।

जोखिम और लचीलापन

वहीं, SIP म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) के जरिए चलता है, जहां रिटर्न शेयर बाजार पर निर्भर करता है। लंबी अवधि में यह 10-15% तक रिटर्न दे सकता है, लेकिन जोखिम मध्यम से उच्च होता है। SIP में लॉक-इन पीरियड नहीं होता, यानी आप जब चाहें अपनी राशि निकाल सकते हैं। इक्विटी SIP पर 1 साल बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लागू होता है। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो ज्यादा रिटर्न की उम्मीद रखते हैं और थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार हैं।

कौन सा चुनें?

RD और SIP, दोनों ही निवेश (Investment) के शानदार तरीके हैं, लेकिन आपके लिए कौन सा बेहतर है, यह आपकी जरूरतों और जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहे और आपको गारंटीड रिटर्न मिले, तो रिकरिंग डिपॉजिट (RD) आपके लिए सही है। लेकिन अगर आप लंबे समय के लिए निवेश (Investment) करना चाहते हैं और ज्यादा रिटर्न के लिए थोड़ा जोखिम ले सकते हैं, तो SIP आपके लिए बेहतर हो सकता है। दोनों स्कीम्स के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए सोच-समझकर फैसला लें।

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें