आज सुबह-सुबह चीन की राजधानी बीजिंग सहित कई इलाकों में भूकंप (Earthquake) के तेज झटके महसूस किए गए। इस प्राकृतिक आपदा ने लोगों में दहशत फैला दी और कई लोग अपने घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप सुबह करीब 6:30 बजे भारतीय समयानुसार आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई, जो मध्यम स्तर का भूकंप माना जाता है। भूकंप का केंद्र (Epicenter) जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था, जिसके कारण झटके बीजिंग और आसपास के क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से महसूस किए गए। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखने और राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है।
बीजिंग में मचा हड़कंपचीन की राजधानी बीजिंग में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घबराहट में अपने घरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बताया कि सुबह की शांति अचानक भूकंप के झटकों से भंग हो गई। कुछ निवासियों ने कहा कि उनके घरों में रखे सामान हिलने लगे, जिससे डर का माहौल बन गया। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांत रहने और खुले स्थानों में रहने की अपील की है। चीन भूकंप नेटवर्क सेंटर (CENC) ने भी पुष्टि की कि भूकंप का केंद्र बीजिंग के नजदीक था, जिसके चलते राजधानी में इसका प्रभाव अधिक रहा।
क्यों है चीन में भूकंप का खतरा?चीन भौगोलिक रूप से उन क्षेत्रों में स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियां लगातार होती रहती हैं। विशेष रूप से, हिमालयन टेक्टोनिक जोन और भारतीय प्लेट के साथ यूरेशियन प्लेट की टक्कर के कारण यह क्षेत्र भूकंप (Seismic Activity) के लिए संवेदनशील है। यही वजह है कि चीन के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं। हाल के महीनों में बीजिंग, तिब्बत, और युन्नान प्रांत में कई बार भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटे-मोटे भूकंप टेक्टोनिक दबाव को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन इनका बार-बार आना बड़े भूकंप की आशंका को भी बढ़ाता है।
पहले भी कांप चुकी है धरतीयह कोई पहला मौका नहीं है जब चीन में भूकंप ने लोगों को डराया हो। मई 2025 में ही बीजिंग और तिब्बत में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसके अलावा, इतिहास में सिचुआन प्रांत में 2008 में आए 7.9 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें करीब 87,000 लोग मारे गए थे। उस घटना के बाद से चीन ने भूकंप-रोधी इमारतों और आपदा प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना शुरू किया है। फिर भी, बार-बार आने वाले भूकंप लोगों के मन में डर पैदा करते हैं।
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