देहरादून, 06 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Uttarakhand में मदरसा बोर्ड अब बंद होने जा रहा है. इसके स्थान पर सभी मदरसे और अन्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को Uttarakhand अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता और Uttarakhand शिक्षा बोर्ड से संबद्धता लेनी होगी.
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने Monday को अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 पर अपने हस्ताक्षर कर इसे मंजूरी प्रदान कर दी, जिससे इस विधेयक के कानून बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
राज्यपाल ने बिल पर हस्ताक्षर करने से पहले अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधि मंडलों से विस्तृत चर्चा की थी, जिनमें सिख, मुस्लिम, जैन, ईसाई और बौद्ध समुदायों के सदस्य शामिल थे.
गौरतलब है कि यह विधेयक गैरसैंण में आयोजित मानसून सत्र के दौरान पारित किया गया था. इस कानून के तहत राज्य में एक अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता देने और उनके संचालन की देखरेख करेगा.
Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जुलाई 2026 से राज्य के सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में एक समान शिक्षा प्रणाली लागू होगी. उन्होंने कहा, “देवभूमि Uttarakhand में तुष्टिकरण की शैक्षिक नीति का अंत हो रहा है. अब सभी बच्चे राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत पढ़ेंगे.”
धामी सरकार का यह निर्णय राज्य में शिक्षा के समान अवसर और पाठ्यक्रम एकरूपता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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