नई दिल्ली, 29 अप्रैल . राष्ट्रपति भवन में बीती शाम आयोजित अलंकरण समारोह में चैतराम देवचंद पवार को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया. वे महाराष्ट्र में जनजातीय समाज के उद्धार और पर्यावरण के लिए जाने जाते हैं. चैतराम पवार को सम्मान प्राप्त होने पर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ताओं में बहुत प्रसन्नता है. पवार कल्याण आश्रम के सक्रिय व समर्पित कार्यकर्ता हैं.
कल्याण आश्रम के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता महेश काले ने चैतराम पवार को पद्मश्री के लिए चयनित किए जाने और सम्मान प्रदान किए जाने को वनवासी परिवार के लिए गौरव की बात कही. उन्होंने कहा कि हालांकि कल्याण आश्रम का कार्यकर्ता किसी पुरस्कार के लिए कार्य नहीं करता, फिर भी पिछले 73 वर्षों से कल्याण आश्रम जनजाति समाज की सर्वांगीण उन्नति के लिए जो कार्य कर रहा है, यह कार्य जिनके अथक परिश्रम पर आगे बढ़ रहा है, ऐसे कल्याण आश्रम के किसी कार्यकर्ता को एक प्रतिनिधि के रूप में अगर पद्मश्री जैसा पुरस्कार मिलता है तो देशभर में कार्यरत सभी कार्यकर्ताओं को गौरव की अनुभूति होती है.
चैतराम पवार ने पिछले लगभग 35 सालों से ग्राम विकास के क्षेत्र में निरंतर कार्य करते हुए महाराष्ट्र के बारीपाड़ा नामक छोटे से गांव को अपने सहयोगियों को साथ लेकर एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया. सामान्य तौर पर इस तरह के सामाजिक कार्य और उसमें जुटे कार्यकर्ताओं के बारे में लोग कम ही जान पाते हैं.
महेश काले ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलना जनजाति समाज के लिए कार्यरत हजारों समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं का प्रातिनिधिक सम्मान तो है ही लेकिन यह एक ऐसा सम्मान भी है जो एक छोटे से जनजाति गांव में चल रहे स्वावलंबन के अनूठे प्रयोग को संपूर्ण समाज के सामने लाता है. भारत सरकार पिछले कुछ समय से इस प्रकार के लोगों को सामने लाकर सम्मानित कर रही है. इससे निःस्वार्थ भाव से कार्य करने वाले हजारों सामाजिक कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ रहा है.
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/ जितेन्द्र तिवारी
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