संतान प्राप्ति की कामना से एक दिन पहले से ही पहुंचने लगे श्रद्धालु
वाराणसी,28 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी में लोलार्क छठ की तैयारियां पुरी हो चुकी है। काशी के लक्खा मेलों में शुमार लोलार्क षष्ठी पर भदैनी स्थित लोलार्क कुंड में संतान प्राप्ति की मनोकामना को लेकर शुक्रवार तड़के आस्था की डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। स्नान के लिए उमड़ने वाली लाखों की भीड़ की सुरक्षा के लिए भदैनी और शिवाला इलाके में बैरिकेडिंग कराई गई है।
जिला प्रशासन ने सुगम यातायात और सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींच दिया है। पर्व के दौरान लोलार्क कुंड की ओर जाने वाले छह मार्गों पर यातायात भी प्रतिबंधित रहेगा। लगभग पांच किलोमीटर लंबी बैरिकेडिंग में भीड़ प्रबंधन के लिए प्रवेश और निकास मार्ग अलग-अलग निर्धारित किए गए है। कुंड क्षेत्र में भीड़ अधिक होने पर रूट डायवर्जन और स्टेप बाय स्टेप एंट्री की व्यवस्था लागू की गई है। श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश देने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम (लाउडस्पीकर) और सूचना पट्ट भी लगाया गया है।
अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था व मुख्यालय) शिवहरी मीणा ने कुंड स्थल का निरीक्षण कर बताया कि चौराहों, संवेदनशील स्थानों और पार्किंग स्थलों पर अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। पूरे क्षेत्र की निगरानी सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से की जाएगी। कंट्रोल रूम से सभी गतिविधियों की लाइव मॉनिटरिंग होगी।
बताते चलें कि भदैनी स्थित लोलार्क कुंड एक खड़े कुएं से जुड़ा हुआ है। इसमें उतरने के लिए तीन तरफ से सीढ़ियां हैं। मान्यता है कि 50 फीट गहरे और 15 फीट चौड़े इस कुंड में लोलार्क षष्ठी पर स्नान से निसंतान दंपति की सूनी गोद भर जाती है। लोलार्क कुंड से जुड़ी मान्यताओं के कारण ही हर साल यहां स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस बार भी तीन से चार लाख लोगों के आने की संभावना है।
तीर्थ पुरोहित पं. सुरेश दुबे बताते हैं कि लोलार्क षष्ठी के दिन कुंड में स्नान करने और लोलार्केश्वर महादेव की पूजा करने से संतान की प्राप्ति और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संतान की कामना से दंपति लोलार्क कुंड में तीन बार डुबकी लगाकर स्नान करते हैं। कुंड में स्नान के बाद दंपति को एक फल का दान कुंड में करना चाहिए। कुंड में दंपति स्नान के बाद भीगे कपड़े भी छोड़ देते हैं। कुंड में स्नान के बाद दंपती लोलार्केश्वर महादेव का दर्शन पूजन कर संतान प्राप्ति की गुहार लगाते है। सूर्यग्रहण के समय लोलार्क कुंड पर स्नान-दान करने से कुरुक्षेत्र का 10 गुना फल प्राप्त होता है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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