जयपुर, 31 मई . राजस्थान में अब शनिवार को युद्ध जैसी स्थिति का अभ्यास एक बार फिर किया जाएगा. केंद्र सरकार के निर्देश पर शनिवार काे द्वितीय नागरिक सुरक्षा अभ्यास “ऑपरेशन शील्ड“ के तहत मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज की जाएगी. इससे पहले यह अभ्यास 29 मई को होना था, लेकिन ऐन वक्त पर इसे स्थगित कर दिया गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों की पालना में नागरिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण एवं क्रियाशीलता के आकलन के लिए ऑपरेशन शील्ड की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है.
केन्द्र और राज्य सरकार के निर्देशानुसार जयपुर जिले में शनिवार को ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किया जाएगा. यह अभ्यास ड्रोन जैसे हवाई हमले की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने नागरिकों से अपील की है कि मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के दौरान स्वेच्छा से अपने घरों, कार्यालयों और वाहनों की लाइट बंद कर सहयोग करें. यह अभ्यास जिले के एक विशेष चिन्हित क्षेत्र में किया जाएगा, जबकि अन्य क्षेत्रों में सामान्य गतिविधियां जारी रहेंगी. अतिरिक्त जिला कलक्टर (दक्षिण) संतोष मीणा ने बताया कि ड्रोन हमले की स्थिति को दर्शाते हुए चिन्हित क्षेत्र में रात्रि के समय सायरन बजाकर ब्लैकआउट की सूचना दी जाएगी. नागरिकों से कहा गया है कि वे सायरन सुनते ही शांतिपूर्वक अपने घरों के अंदर रहें और सभी प्रकार की लाइटें बंद कर दें. माचिस, मोबाइल फ्लैश, टॉर्च और अन्य प्रकाश उपकरणों का उपयोग न करें. यदि किसी स्थान से रोशनी बाहर आ रही हो तो खिड़की पर काला कागज लगाएं. सड़कों पर वाहन चलाने वालों को भी अपनी लाइट बंद कर वहीं रुकने की सलाह दी गई है.
ब्लैकआउट के दौरान दो मिनट तक ऊंची-नीची आवाज में बजने वाला सायरन खतरे का संकेत होगा, जबकि एक ही टोन में दो मिनट तक बजने वाला सायरन खतरे के समाप्त होने की सूचना देगा. इस दौरान नागरिकों से प्रशासन और सिविल डिफेंस की टीमों को सहयोग देने की अपील की गई है. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने इसके लिए सभी संचार माध्यमों और सायरन सिस्टम को दुरुस्त करने और रियल टाइम परिस्थितियों के अनुरूप मॉक ड्रिल को प्रभावी बनाने के निदेर्श दिए हैं. ब्लैकआउट के समय और स्थान को गोपनीय रखने के निर्देश भी दिए गए हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले 7 मई को भी प्रदेशभर में इसी तरह की मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की गई थी, जिसमें कुछ कमियां सामने आई थीं. अब उन कमियों को दूर कर अभ्यास दोबारा किया जा रहा है. यह अभ्यास राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम माना जा रहा है, खासतौर पर तब जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और इसके जवाब में भारत ने सात मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. सेना के इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था. तब से देशभर में सुरक्षा सतर्कता बढ़ा दी गई है.
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/ रोहित
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