कोलकाता, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजवंशी समाज के प्रख्यात नेता और समाज सुधारक रायसाहेब ठाकुर पंचानन बर्मा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि यह महान आत्मा केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा थी, जिसका प्रभाव अतीत से लेकर भविष्य तक समाज को प्रेरित करता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि यह उनका गर्व है कि कोचबिहार में ठाकुर पंचानन बर्मा विश्वविद्यालय की स्थापना कर उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाया गया है। साथ ही, उनके जन्मस्थान खलिसामारी में विश्वविद्यालय का दूसरा परिसर भी शुरू किया गया है। राज्य सरकार ने उनके जन्मदिन पर अवकाश घोषित किया है। इसके अलावा, उनके आवास को संरक्षित कर ‘पंचानन बर्मा संग्रहशाला एवं अनुसंधान केंद्र’ बनाया गया है और उनकी पूर्णाकृति प्रतिमा भी स्थापित की गई है।
ममता बनर्जी ने कहा कि राजवंशी समाज की भाषा और संस्कृति को सम्मान देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। राजवंशी भाषा को सरकारी मान्यता दी गई है। इसके साथ ही कामतापुरी, संथाली, कुरुख, कुड़माली, नेपाली, हिंदी, उर्दू, उड़िया, पंजाबी और तेलुगु भाषाओं को भी राज्य की सरकारी भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है। सादरी भाषा के उत्थान के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
राजवंशी विकास बोर्ड, राजवंशी सांस्कृतिक अकादमी, राजवंशी भाषा अकादमी और कामतापुरी भाषा अकादमी की स्थापना की गई है। लगभग 200 राजवंशी स्कूलों को सरकारी मान्यता दी गई है। राज्य पुलिस में ‘नारायणी’ बटालियन (मुख्यालय – मेखलीगंज) का गठन किया गया है। बाबुरहाट में वीर चिला राय की 15 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है।
अपने ट्वीट में ममता बनर्जी ने बताया है कि कोच–कामतापुरी–राजवंशी समाज की परंपरा और गौरव को सम्मान देने के लिए कोचबिहार शहर को विरासत शहर (हेरिटेज सिटी) का दर्जा दिया गया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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