–दो तदर्थ अध्यापिकाओं पर लगाया अनुचित वित्तीय लाभ लेते रहने का आरोप
–शिकायत करने वाली शिक्षिका का विद्यालय प्रबंधक कर रहे उत्पीड़न, दी फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी, प्रशासन से सुरक्षा की गुहार
झांसी, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । कानून के रामराज्य में भी लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण आमजन को कितना दंश झेलना पड़ता है, इसका उदाहरण लोकमान्य तिलक कन्या इंटर कॉलेज की अध्यापिका अंजू गुप्ता ने कई प्रमाण पेश करते हुए बताया।
लोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज प्रबंधन द्वारा दो तदर्थ अध्यापिकाओं को 22 वर्षों तक स्थायी दिखाकर अनुचित वित्तीय लाभ दिलाए जाते रहे, लेकिन इस पर कोई जांच नहीं की गई। इस संबंध में की गई शिकायत का निस्तारण बिना किसी जांच के किया जाता रहा। इस बारे में जन सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मांगी गई सूचना में भी विद्यालय द्वारा अध्यापिकाओं की तदर्थ नियुक्ति की बात छुपाने का प्रयास किया गया। यही नहीं पीड़िता ने प्रबंधक राकेश पाठक पर उत्पीड़न व अश्लीलता करने का आरोप लगाया। इस पर कोतवाली पुलिस ने बीते रोज मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उन्होंने बताया कि पहली बार जिला विद्यालय निरीक्षक के समक्ष 11 जून 2020 को विद्यालय प्रबंधक एवं प्रधानाचार्या ने माना कि विद्यालय में कार्यरत तदर्थ अध्यापिकाओं का अभी तक विनियमितिकरण नहीं हुआ है। इसके बाद अंजू गुप्ता की शिकायत पर संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा की गई जांच में यह तथ्य सामने आया कि विद्यालय द्वारा तथ्य गोपन करके तदर्थ अध्यापिकाओं को स्थायी दिखाकर उनको चयन वेतनमान, पदोन्नति के लाभ दिलाए गए थे।उन्होंने तदर्थ अध्यापिकाओं का चयन वेतनमान एवं पदोन्नति निरस्त कर उनके द्वारा लिए गए वेतन की रिकवरी के आदेश 04 सितम्बर 2020 को दिए थे। लेकिन विद्यालय प्रबंधक द्वारा तथ्य गोपन किए जाने पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी, उल्टे विद्यालय प्रबंधक ने शिकायतकर्ता अंजू गुप्ता को ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। अंजू गुप्ता के साथ विद्यालय में अभद्रता के साथ ही विद्यालय में सोशल बहिष्कार करवा दिया गया।
विद्यालय द्वारा किसी भी शासनादेश का पालन नहीं किये जाने से अंजू गुप्ता की वरिष्ठता एवं पदोन्नति से वंचित रखा गया, की गयी शिकायतों का निस्तारण भी जांच किए बिना किया जाता रहा। जिला विद्यालय निरीक्षक के आदेशों का पालन भी विद्यालय द्वारा नहीं किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गयी। 25 जुलाई 2025 को विद्यालय प्रबंधक द्वारा प्रबंध समिति के समक्ष अंजू गुप्ता को धक्का देकर प्रधानाचार्या कक्ष से बाहर निकाल दिया। यह घटना सीसीवीटी कैमरे में कैद हो गई। अंजू गुप्ता द्वारा कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई जिसकी जांच में पाया गया कि प्रबंधक द्वारा सीसीटीवी कैमरे की हार्डडिस्क गायब करवा दी, जिससे अभद्रता के फुटेज नहीं मिल सके। पीड़ित शिक्षिका ने कहा कि इस सम्बंध में एफआईआर महिला थाना नबावाद, कोतवाली पुलिस द्वारा निष्ठापूर्वक जांच करने से अब न्याय मिलने की उम्मीद जाग गई है।
आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज होने से प्रबंधक एवं उनके भाई जो कि एक बड़े राष्ट्रीय संगठन में पदाधिकारी भी हैं, के द्वारा अंजू गुप्ता को विद्यालय से निलम्बित करने एवं उनके परिवार को षड्यंत्र के तहत फंसाने की धमकी दी गई है। पीड़ित अंजू गुप्ता ने अपना पक्ष रखते हुए प्रशासन से अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
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