उत्तरकाशी, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . वर्ष 2010 से बंद पड़ी एनटीपीसी की लोहरी नाग पाला परियोजना का क्लोजर प्लान की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए एनटीपीसी ने 37 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है.
इस में 32 करोड़ की लागत से उत्तरांचल जल विद्युत निगम गंगोत्री हाईवे पर डबरानी में आधी अधुरी सुरंगें और डैम क्लोजर व सुरक्षा उपाय कार्य शामिल है. गंगोत्री नेशनल हाईवे के डबरानी में लोहरी नाग पाला परियोजना के डैम क्लोजर कर भागीरथी नदी को पुराने स्वरूप पर लाया जाना है. जिससे गंगोत्री हाईवे क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके.
वहीं पांच करोड़ रुपए वन विभाग को पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए दिया जा रहा.
Saturday को उपजिलाधिकारी भटवाडी़ शालिनी नेगी के नेतृत्व में संयुक्त टीम में शामिल अधिशासी अभियंता जल विद्युत निगम उत्तरकाशी, एम एस नाथ, सहायक भूवैज्ञानिक एवं खान अधिक प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग उत्तरकाशी, जिला आबिदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं, एस डीओ वन विभाग, आदि ने डबरानी में स्थलीय निरीक्षण किया है.
उल्लेखनीय है कि Uttarakhand के उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी पर एक प्रस्तावित 600 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना थी, जिसे 2010 में पर्यावरणीय चिंताओं के कारण रद्द कर दिया गया था. इस परियोजना का निर्माण कार्य 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन प्रोफेसर जीडी अग्रवाल जैसे पर्यावरणविदों के विरोध और उनकी भूख हड़ताल के कारण इसे रोक दिया गया था. जिससे आधी अधुरी सुरंगें बडी दुर्घटनाओं का न्यूता दे रही है. वषों से इस परियोजना पर निर्माण कार्य नहीं हो रहा है. इसमें पर्यावरण को देखते हुए भारत सरकार की टीम ने आधा-अधुरी परियोजना क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया था जिसमें परियोजना के क्लोजर प्लान का सुझाव दिया गया था.
(Udaipur Kiran) / चिरंजीव सेमवाल
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