जयपुर, 4 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Rajasthan हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि भ्रष्टाचार से जुड़े केसों में प्रदेश के अपने क्षेत्राधिकार में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ ना केवल केस दर्ज कर सकती है, बल्कि मामले की जांच के बाद चालान भी पेश कर सकती है. ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि एसीबी अपने क्षेत्राधिकार में केन्द्र सरकार के कर्मचारी या केन्द्र सरकार के अधीन व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर सकती. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रार्थियों के पक्ष में एसीबी की कार्रवाई पर चल रही रोक हटाते हुए मामले को सुनवाई के लिए नियमित बेंच को भेज दिया. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश मुकेश सिंह व अन्य की आपराधिक याचिकाओं को तय करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार केसों में सीबीआई को यह विशेष अधिकार नहीं दिया गया है कि वह भ्रष्टाचार निवारण कानून या डीएसपीई के तहत एसीबी को इन केसों को दर्ज करने, इनमें जांच करने और चालान पेश करने के लिए प्रतिबंधित करे. दरअसल इन आपराधिक याचिकाओं में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों ने एसीबी की कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने पूर्व में मामले में सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ एसीबी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. इस दौरान अदालत के समक्ष यह बिन्दू तय करने के लिए आया था कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केन्द्र सरकार का कर्मचारी या केन्द्र सरकार के अधीन व्यक्ति Rajasthan राज्य के क्षेत्राधिकार में कोई अपराध करे तो क्या एसीबी ऐसे मामले को दर्ज करने, उसमें जांच करने और कोर्ट में चालान पेश कर सकती है या नहीं. इसके अलावा केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ प्रदेश में भ्रष्टाचार केसों में जांच करने का अधिकार क्या केवल सीबीआई को है और सीबीआई की मंजूरी के बिना क्या एसीबी केस में जांच आगे नहीं बढ़ा सकती.
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(Udaipur Kiran)
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