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नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे किसान, भारी पुलिस बल तैनात, क्या है इनकी मांग?

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किसानों ने नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी (NODA) के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। विरोध को देखते हुए अथॉरिटी के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वे अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, अपने प्लॉट का पूरा सेटलमेंट, बकाया मुआवजा और सेटलमेंट की मांग कर रहे हैं। हजारों किसान गेट पर जमा हो गए हैं और नारे लगा रहे हैं।

नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी का ऑफिस सेक्टर 6 में है। बुधवार को बड़ी संख्या में किसान अथॉरिटी ऑफिस पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। सूचना मिलने पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और किसानों को अथॉरिटी में घुसने से रोक दिया। एंट्री को लेकर पुलिस और किसानों के बीच हल्की झड़प भी हुई।

BKU (भारतीय किसान यूनियन) के कार्यकर्ता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। BKU ने भी अथॉरिटी के बाहर कैंप लगाया है। उनका दावा है कि उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर कई बार नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों से बात की है, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया गया और एक भी मांग पूरी नहीं की गई। अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद किसान अपना विरोध खत्म कर देते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। किसानों के विरोध प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल
BKU ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर अथॉरिटी के बाहर डेरा डाले हुए हैं। "इस बार हम झुकेंगे नहीं। अथॉरिटी को हमारी मांगें माननी होंगी।" किसानों के साथ महिलाएं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई हैं।

किसानों की क्या मांगें हैं?
किसानों का कहना है कि नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी सालों से उनकी समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर रही है, जिससे उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विरोध कर रहे किसानों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, विरोध अनिश्चित काल तक जारी रहेगा।

रहने लायक ज़मीन का जल्द से जल्द बंदोबस्त।

अधिग्रहित ज़मीन के मुआवज़े में 64% की बढ़ोतरी।

प्रभावित परिवारों को पक्की नौकरी।

10% और 5% रिहायशी प्लॉट का आवंटन।

भारी पुलिस बल तैनात
किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। नोएडा अथॉरिटी ऑफिस और आस-पास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ट्रैफिक को चालू रखने के लिए कई सड़कों पर डायवर्जन की व्यवस्था की गई है। प्रशासन किसानों से शांति से विरोध करने की अपील कर रहा है, जबकि किसान नेताओं का कहना है कि विरोध शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक होगा।

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