अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं और आप उनकी हर खांसी-जुकाम पर दौड़कर केमिस्ट की दुकान से कफ सिरप ले आते हैं,तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारत सरकार ने बच्चों,खासकर4साल से कम उम्रके बच्चों में खांसी और जुकाम के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले कफ सिरप को लेकर एक नई और सख्त गाइडलाइन जारी की है।ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI)ने सभी डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे छोटे बच्चों के लिए एक खास तरह के कफ सिरप का इस्तेमाल बंद कर दें।क्या है नया नियम?सरकार ने'फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन' (FDC)वाले कफ सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है।क्या होते हैंFDCसिरप?ये वो कफ सिरप होते हैं जिनमें खांसी,जुकाम,बुखार और बलगम के लिए दो या दो से ज्यादा दवाओं को मिलाकर एक ही सिरप बनाया जाता है (जैसे क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन का कॉम्बिनेशन)। माता-पिता के लिए यह जानना मुश्किल होता है,इसलिए डॉक्टर की सलाह सर्वोपरि है।क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?यह फैसला एक्सपर्ट्स की एक कमेटी की सिफारिशों के बाद लिया गया है। कमेटी ने पाया कि:कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं:इस बात का कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ये कॉकटेल सिरप छोटे बच्चों पर कितना असरदार होते हैं।ओवरडोज का खतरा:इन सिरप की एक छोटी सी ज्यादा मात्रा (ओवरडोज) भी बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है,जिससे दिल की धड़कन तेज होना,चक्कर आना और यहां तक कि गंभीर साइड इफेक्ट्स का खतरा भी रहता है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बैन:अमेरिका,ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई बड़े देशों में4साल से छोटे बच्चों के लिए इस तरह के कॉकटेल कफ सिरप पहले से ही प्रतिबंधित हैं।तो अब माता-पिता क्या करें?यह नई गाइडलाइन माता-पिता को डराने के लिए नहीं,बल्कि उन्हें जागरूक करने के लिए है। अगर आपका बच्चा बीमार है तो:सेल्फ-मेडिकेशन बंद करें:केमिस्ट से पूछकर या पुराना पर्चा देखकर खुद से कोई भी कफ सिरप बच्चे को न दें।डॉक्टर से सलाह लें:हमेशा बच्चों के डॉक्टर (Paediatrician)से सलाह लें। डॉक्टर आपके बच्चे के लक्षणों के आधार पर सही और सुरक्षित दवा देंगे।घरेलू नुस्खे अपनाएं:सामान्य सर्दी-खांसी के लिए डॉक्टर भी अक्सर शहद (1साल से ऊपर के बच्चों के लिए),गुनगुना पानी,भाप और हल्दी वाले दूध जैसे घरेलू नुस्खों की सलाह देते हैं,जो ज्यादा सुरक्षित और असरदार होते हैं।आपका यह एक कदम आपके बच्चे को एक बड़े स्वास्थ्य जोखिम से बचा सकता है।
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