लुब्रिकेंट एक द्रव होता है जो कि जोड़ों में चिकनाई का काम करता है. इसे कार्टिलेज और सिनोवियम कहते हैं. लोग आम भाषा में इसे ग्रीस कहते हैं.
ग्रीस की कमी का कारण
लंबे समय तक बैठे या खड़े रहने से, खराब खानपान और शराब का अधिक सेवन कनरे से कार्टिलेज टूट सकती हैं. वहीं बढ़ती उम्र, ज्यादा उठाना और चोट की वजह से भी कार्टिलेज टूट सकती है. कार्टिलेज टूटने से जोड़ों का नुकसान होता है.
लाल शिमला मिर्च
लाल शिमला मिर्च में विटामिन सी पाया जाता है. विटामिन सी कोलेजन बनाने में मददगार होता है जो कि कार्टिलेज, टेंडन और लिगामेंट्स का हिस्सा है जो कि जोड़ों में लचीलापन और मजबूती लाने का काम करता है.
बीन्स
बीन्स सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. बीन्स में प्रोटीन, फाइबर और जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. बीन्स में फ्लेवोनोइड और एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते हैं जो कि जोड़ों के दर्द को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
केल
केल एक हरी पत्तेदार सब्जी है. केल में एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन और विटामिन सी पाया जाता है. जो कि हड्डियों की मजबूती के लिए काफी मददगार हो सकता है.
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुणों से भरपूर है. हल्दी का सेवन करने से जोड़ों में सूजन और दर्द कम होता है. डाइट में आप हल्दी को कई तरह से शामिल कर सकते हैं. जैसे हल्दी वाला दूध, कच्ची हल्दी की चाय, कच्ची हल्दी वाला पानी आदि.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. News himachali इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत या स्किन से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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