हमला साउथ कश्मीर के मशहूर टूरिस्ट स्पॉट बाइसरण में हुआ, जिसे "मिनी स्विट्ज़रलैंड" भी कहा जाता है। आतंकियों ने वहां घूमने आए लोगों के एक ग्रुप पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई - जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले के बाद इलाके में डर और अफरातफरी फैल गई, और कई पर्यटक वहां से लौटने लगे। अभी वहां टूरिस्ट जाने से डर रहे हैं और जो जा भी रहे हैं, उनको लेकर भी कई नियम निकाले जा रहे हैं। बता दें, वन विभाग ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सभी ट्रेकिंग रूट्स को बंद करने का आदेश दिया है। अगर आप यहां आने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो पहले पूरी जानकारी पढ़ लें। (All photo credit:pexels.com)
क्या है ये फैसला?
हाल ही में हुई दुखद घटना के बाद, जम्मू-कश्मीर वन विभाग ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सभी ट्रेकिंग रूट्स को बंद करने का आदेश दिया है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें छोटे और लंबे, दोनों तरह के ट्रेक शामिल हैं, खासकर जो जंगलों के भीतर जाते हैं। पुलिस को कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में ट्रेकिंग रूट्स की लिस्ट बनाएं ताकि इस आदेश को सही तरीके से लागू किया जा सके।कश्मीर में ट्रेकिंग का सीजन आमतौर पर मई से सितंबर तक चलता है और बड़ी संख्या में एडवेंचर प्रेमी यहां आते हैं। लेकिन हाल की घटनाओं को देखते हुए सरकार ने कहा कि जब तक सुरक्षा स्थिति की पूरी जांच नहीं हो जाती, तब तक ट्रेकिंग पर रोक जारी रहेगी।
टूरिज्म पर पड़ेगा प्रभाव
स्थानीय अर्थव्यवस्था, जो अधिकतर पर्यटन पर निर्भर है, ट्रेकिंग बंद होने से बुरी तरह प्रभावित होगी। पहले से ही पाहलगाम की घटना के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट और फ्लाइट कैंसिलेशन में तेजी आई है। होटल, ट्रांसपोर्ट सर्विस और ट्रेकिंग गाइड जैसे स्थानीय व्यापारों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। हालात तब और बिगड़ गए हैं जब सरकार ने ट्रेकिंग रूट बंद करने का फैसला किया है, जिससे आने वाले पर्यटन सीजन को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
बॉर्डर सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं
टीओआई के मुताबिक, हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि हमला "कश्मीर रेसिस्टेंस" नाम के एक ग्रुप ने किया था, जिन्होंने पर्यटकों को निशाना बनाया ताकि बाहरी लोगों का आना रोका जा सके। भारत ने इसके जवाब में कड़े कदम उठाए हैं - जैसे पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना और यात्रा पर कुछ पाबंदियां लगाना। इससे पता चलता है कि हालात कितने गंभीर हैं और सरकार इस मुद्दे को सख्ती से निपटाने के मूड में है।
पर्यटन शुरू करने के लिए योजना बनानी जरूरी

अभी पूरा ध्यान स्थानीय लोगों और पर्यटकों की सुरक्षा पर है, लेकिन लंबी अवधि के लिए कश्मीर को फिर से सुरक्षित पर्यटन स्थल बनाने के लिए मजबूत योजना बनानी जरूरी है। इसमें सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करना, स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाना और कई खास परियोजनाओं के जरिए पर्यटन उद्योग को फिर से शुरू करना शामिल है। फिलहाल, ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों पर रोक लगाई गई है ताकि कोई अनहोनी न हो और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की सही तरीके से जांच की जा सके।
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