सांप का नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रेंगते हुए इस जहरीले जानवर को देखकर अच्छे-अच्छों के पैरों तले जमीन खिसक जाते हैं और वो डर के मारे भागने लगते हैं। लेकिन हाल ही में एक वीडियो ने सबको चौंका कर रख दिया है। ऑस्ट्रेलिया के एबीसी टीवी पर आए शो सीक्रेट साइंस में में छोटे बच्चे सांपों के बीच बिना किसी डर के खेलते हुए नजर आ रहे हैं। जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया है। सांपों के बीच मजे से खेलते दिखे बच्चे बच्चों को एक मैट पर बिठाया गया और उनके साथ कुछ शांत, बिना जहर वाले सांप रखे गए। आप सोच रहे होंगे कि बच्चे रोएंगे या डर कर भागेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बच्चे बिल्कुल आराम से बैठे रहे। एक बच्चे ने तो सांप को बिना डरे छू भी लिया।शो में मौजूद साइकोलॉजिस्ट ने बताया कि डर हमेशा जन्मजात नहीं होता। बच्चे डरना सीखते हैं, खासतौर पर बड़ों को देखकर। जब कोई अजीब चीज होती है, तो बच्चे पेरेंट्स को देखते हैं कि वे कैसे रिएक्शन दे रहे हैं। अगर माता-पिता घबरा जाते हैं, तो बच्चा भी डरना शुरू कर देता है। क्यों सांपों से नहीं डरे बच्चे 2020 में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि बच्चे सांपों, मकड़ियों, ऊंचाइयों या अजनबियों से अपने आप नहीं डरते। वो डरने की बजाय चीजों को ध्यान से देखकर समझने की कोशिश करते हैं।रिसर्चर्स कहते हैं कि बच्चों के ध्यान देने, सोचने और सिचुएशन के हिसाब से रिएक्शन देने का ये बिहेवयर अच्छा होता है। इससे बच्चे नई चीजों को बिना घबराए एक्सप्लोर कर पाते हैं। बच्चे ये कर पाते हैं क्योंकि वो खुली आंखों और मन से दुनिया को देखते हैं। जब तक उन्हें कोई ये न बताए कि इससे डरना चाहिए, वो खुद ही उसे देखकर समझने की कोशिश करते हैं। क्यों लगता है इंसानों को डर हमारे दिमाग में डर के लिए एक खास सिस्टम होता है, जिसे हम 'फाइट-और-फ्लाइट' (लड़ो या भागो) रिएक्शन कहते हैं। जब हमें कोई खतरा महसूस होता है, तो शरीर तुरंत रिएक्ट करता है। या तो हम उससे लड़ते हैं, भागते हैं या फिर डर के मारे जम जाते हैं। क्या डरना है जरूरी? कई बार हम चीजों से जरूरत से ज्यादा डरने लगते हैं, जैसे बिना जहरीले सांपों या मकड़ियों से घबराना। डरने की क्षमता हमारे बचाव के लिए बनी है, लेकिन अगर हम हर बार घबरा जाएं, तो ये हमारे लिए रुकावट बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम बच्चों को डर नहीं, बल्कि सोच-समझकर रिएक्शन देना सिखाएं।
You may also like
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ताकत का प्रदर्शन, हम हर चुनौती के लिए तैयार: सीएम मोहन चरण माझी
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 1971 जैसी कार्रवाई करने की जरूरत : उदित राज
नेहरू-गांधी और सैफई परिवारों ने किया डॉ. अंबेडकर और संविधान का अपमान : धर्मपाल सिंह
श्योपुर: परमिट के बाद भी बंद नहीं की बिजली, इसलिए करंट लगने से हुई मौत
मुरैना: मकान में रखे पटाखों में हुआ विस्फोट, मकान ध्वस्त