लखनऊ: रविंद्रपल्ली इलाके में एक घर में 90 साल की मां और उनके 65 साल के बेटे के शव संदिग्ध हालात में मिले। दोनों के शव नीले पड़ गए थे। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है। इलाके के लोगों ने प्रॉपर्टी के लिए हत्या की आशंका जताई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत का सही कारण पता चल सकेगा।
रविन्द्रपल्ली निवासी बेला चक्रवर्ती (90) और बेटे असीम चक्रवर्ती (65) के शव संदिग्ध हालात में घर में मिलने के बाद रविवार को भी कुछ परिचित पहुंचे। हालांकि कोई भी परिचित या रिश्तेदार पंचनामे की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ। ऐसे में शव मिलने के दूसरे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया जा सका। पुलिस के अनुसार किसी के आगे नहीं आने पर लावारिस में दर्ज करवा पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।
एसआई जय नारायण दोहरे के अनुसार रविन्द्रपल्ली निवासी बेला चक्रवर्ती (90) अपने बेटे असीम चक्रवर्ती (60) के साथ रहती थीं। रेलवे से रिटायर्ट पति प्रकाश चंद्र का काफी पहले निधन हो गया था। बुजुर्ग का पति की पेंशन से खर्च चलता था। वहीं, ब्रिज कॉरपोरेशन में जेई रहे बड़े बेटे अमित और सैनिक निदेशालय में स्टेनो रही उसकी पत्नी चंद्रानी का भी निधन हो चुका है। छोटे बेटे रंजीत की भी मौत हो चुकी है। इसके बाद केवल बेला और दूसरे नंबर का बेटा असीम भी बचे थे। असीम और रंजीत की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में मां-बेटे एक दूसरे के सहारा थे।
पुलिस के अनुसार परिचितों और रिश्तेदारों को मौत की सूचना दी गई थी। इसके बाद असीम के मामा का बेटा जॉय बनर्जी अपनी पत्नी के साथ आया था। हालांकि उसने पंचनामे के प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसी प्रकार आसपास रहने वाले कुछ अन्य रिश्तेदार भी आए थे, लेकिन कोई भी पंचनामे के लिए तैयार नहीं हुआ।
एक निजी कंपनी में डॉग स्क्वायड के इंचार्ज थे असीम
आसपास रहने वालों ने बताया कि बुजुर्ग बेला काफी मिलनसार थी। हालांकि असीम की इलाके में रहने वालों से ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। असीम एक निजी कंपनी में डॉग स्क्वायड के इंचार्ज थे। मां और बेटे को डॉगी बहुत पसंद थे और विदेशी ब्रीड के डॉगी पालते थे। यही नहीं असीम विदेशी ब्रीड के डॉग्स बेचते भी थे। छानबीन में पता चला है कि असीम शराब पीने आदी थे। माना जा रहा है कि इसी के चलते परिचित और रिश्तेदार दूरी बनाकर रहते थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को घर में शराब की कई खाली बोतलों के साथ ही कुछ भरी बोतलें भी मिली है। इतना ही नहीं घर में काफी गंदगी भी फैली पाई गई।
तो पुलिस करवाएगी अंतिम संस्कार
पुलिस के मुताबिक कोई भी रिश्तेदार कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं कोई शवों के पंचनामे और सुपुर्दगी लेने को भी कोई नहीं तैयार है। हालांकि चारबाग में रहने वाले अनिल चटर्जी रविवार को घर पहुंचे थे। पुलिस को बताया कि चन्द्रानी उनकी बहन थी। इस बीच पुलिस का कहना है कि रिश्तेदारों को रवैए से लग रहा है कि कोई अंतिम संस्कार का जिम्मा नहीं लेगा। ऐसे में पुलिस को ही अंतिम संस्कार करवाना पड़ सकता है।
मजदूर ने देखा था पोर्टिको में बेसुध
पुलिस के मुताबिक पड़ोस में काम करने वाले एक मजदूर ने बताया कि शनिवार दोपहर ही असीम को घर के पोर्टिको में पड़ा देखा था। हालांकि उनकी शराब की लत की जानकारी होने के चलते ध्यान नहीं दिया। इसके बाद देर शाम तक पड़ा देखने पर शक हुआ और मालिक को बताया था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी।
एक साथ मौत पर सवाल
बुजुर्ग बेला और उनके बेटे असीम की एक साथ मौत से कई सवाल भी उठ रहे है। आसपास के लोगो ने बताया कि उनकी करोड़ों की प्रापर्टी है। जिस घर में रहते थे, वह भी काफी कीमती है। इसके साथ ही इलाके में एक और मकान के साथ ही बीबीडी इलाके में भी मकान है। ऐसे में दोनों के अकेले रहने के चलते प्रॉपर्टी के लालच में हत्या की भी चर्चा होती रही।
बमुश्किल काबू में आया पालतू डॉगी
बेला और असीम ने टोजो नाम का एक जर्मन शेफर्ड पाल रखा था। दोनो की मौत के बाद से वह गुमसुम है। पुलिसकर्मियों के देने पर भी उसने कुछ खाया नहीं। दो दिनों से लगातार घर के साथ ही छत के चक्कर लगाता रहा। एसआई जय नारायण दोहरे ने बताया कि डॉगी को परेशान देख रविवार को नगर निगम की टीम को बुलाया था। हालांकि नगर निगम की टीम काबू पाने में नाकाम रही। इसके बाद पशुओं के लिए संचालित एक एनजीओ को बुलाया। एनजीओ की टीम ने किसी तरह डॉगी को संभाल और साथ ले गई। टीम के सदस्यों ने बताया कि डॉगी काफी परेशान है।
रविन्द्रपल्ली निवासी बेला चक्रवर्ती (90) और बेटे असीम चक्रवर्ती (65) के शव संदिग्ध हालात में घर में मिलने के बाद रविवार को भी कुछ परिचित पहुंचे। हालांकि कोई भी परिचित या रिश्तेदार पंचनामे की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुआ। ऐसे में शव मिलने के दूसरे दिन भी पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया जा सका। पुलिस के अनुसार किसी के आगे नहीं आने पर लावारिस में दर्ज करवा पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।
एसआई जय नारायण दोहरे के अनुसार रविन्द्रपल्ली निवासी बेला चक्रवर्ती (90) अपने बेटे असीम चक्रवर्ती (60) के साथ रहती थीं। रेलवे से रिटायर्ट पति प्रकाश चंद्र का काफी पहले निधन हो गया था। बुजुर्ग का पति की पेंशन से खर्च चलता था। वहीं, ब्रिज कॉरपोरेशन में जेई रहे बड़े बेटे अमित और सैनिक निदेशालय में स्टेनो रही उसकी पत्नी चंद्रानी का भी निधन हो चुका है। छोटे बेटे रंजीत की भी मौत हो चुकी है। इसके बाद केवल बेला और दूसरे नंबर का बेटा असीम भी बचे थे। असीम और रंजीत की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में मां-बेटे एक दूसरे के सहारा थे।
पुलिस के अनुसार परिचितों और रिश्तेदारों को मौत की सूचना दी गई थी। इसके बाद असीम के मामा का बेटा जॉय बनर्जी अपनी पत्नी के साथ आया था। हालांकि उसने पंचनामे के प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसी प्रकार आसपास रहने वाले कुछ अन्य रिश्तेदार भी आए थे, लेकिन कोई भी पंचनामे के लिए तैयार नहीं हुआ।
एक निजी कंपनी में डॉग स्क्वायड के इंचार्ज थे असीम
आसपास रहने वालों ने बताया कि बुजुर्ग बेला काफी मिलनसार थी। हालांकि असीम की इलाके में रहने वालों से ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। असीम एक निजी कंपनी में डॉग स्क्वायड के इंचार्ज थे। मां और बेटे को डॉगी बहुत पसंद थे और विदेशी ब्रीड के डॉगी पालते थे। यही नहीं असीम विदेशी ब्रीड के डॉग्स बेचते भी थे। छानबीन में पता चला है कि असीम शराब पीने आदी थे। माना जा रहा है कि इसी के चलते परिचित और रिश्तेदार दूरी बनाकर रहते थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को घर में शराब की कई खाली बोतलों के साथ ही कुछ भरी बोतलें भी मिली है। इतना ही नहीं घर में काफी गंदगी भी फैली पाई गई।
तो पुलिस करवाएगी अंतिम संस्कार
पुलिस के मुताबिक कोई भी रिश्तेदार कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं कोई शवों के पंचनामे और सुपुर्दगी लेने को भी कोई नहीं तैयार है। हालांकि चारबाग में रहने वाले अनिल चटर्जी रविवार को घर पहुंचे थे। पुलिस को बताया कि चन्द्रानी उनकी बहन थी। इस बीच पुलिस का कहना है कि रिश्तेदारों को रवैए से लग रहा है कि कोई अंतिम संस्कार का जिम्मा नहीं लेगा। ऐसे में पुलिस को ही अंतिम संस्कार करवाना पड़ सकता है।
मजदूर ने देखा था पोर्टिको में बेसुध
पुलिस के मुताबिक पड़ोस में काम करने वाले एक मजदूर ने बताया कि शनिवार दोपहर ही असीम को घर के पोर्टिको में पड़ा देखा था। हालांकि उनकी शराब की लत की जानकारी होने के चलते ध्यान नहीं दिया। इसके बाद देर शाम तक पड़ा देखने पर शक हुआ और मालिक को बताया था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी।
एक साथ मौत पर सवाल
बुजुर्ग बेला और उनके बेटे असीम की एक साथ मौत से कई सवाल भी उठ रहे है। आसपास के लोगो ने बताया कि उनकी करोड़ों की प्रापर्टी है। जिस घर में रहते थे, वह भी काफी कीमती है। इसके साथ ही इलाके में एक और मकान के साथ ही बीबीडी इलाके में भी मकान है। ऐसे में दोनों के अकेले रहने के चलते प्रॉपर्टी के लालच में हत्या की भी चर्चा होती रही।
बमुश्किल काबू में आया पालतू डॉगी
बेला और असीम ने टोजो नाम का एक जर्मन शेफर्ड पाल रखा था। दोनो की मौत के बाद से वह गुमसुम है। पुलिसकर्मियों के देने पर भी उसने कुछ खाया नहीं। दो दिनों से लगातार घर के साथ ही छत के चक्कर लगाता रहा। एसआई जय नारायण दोहरे ने बताया कि डॉगी को परेशान देख रविवार को नगर निगम की टीम को बुलाया था। हालांकि नगर निगम की टीम काबू पाने में नाकाम रही। इसके बाद पशुओं के लिए संचालित एक एनजीओ को बुलाया। एनजीओ की टीम ने किसी तरह डॉगी को संभाल और साथ ले गई। टीम के सदस्यों ने बताया कि डॉगी काफी परेशान है।
You may also like
हिसार : विकसित भारत के लिए युवाओं के आइडियाज को विकसित करना जरूरी: बिश्नोई
हिसार : 12वीं जूनियर व दूसरी मिनी टैनिस बाल क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन
हिसार : हकृवि का ढैंचा बीज अब आंध्रप्रदेश में बढ़ाएगा भूमि की उर्वरा शक्ति : प्रो. बीआर कम्बोज
हिसार : एचएसईबी वर्कर यूनियन की थर्मल प्लांट खेदड़ यूनिट का सर्वसम्मति से हुआ चुनाव
सुक्खू सरकार हिमाचल के लिए साबित हो रही पनौती : विश्व चक्षु