अलीगढ़: अलीगढ़ के एक गांव में मंदिर के सेवायत बुजुर्ग साधु को काले हिरण ने सींगों से बींधकर मार डाला। विडंबना यह है कि यही साधु पिछले कई दिनों से आश्रम में आए इस काले हिरण की सेवा कर रहे थे। यह काला हिरण जंगल से भटक कर यहां आ गया था। बुजुर्ग की मृत्यु की सूचना मिलने पर उनके परिवार ने मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया।
सोमवार को क्षेत्र के गांव बढ़ारी बुजुर्ग में स्थित सिद्ध बाबा आश्रम में यह घटना हई । सोमवार की तड़के काले हिरण ने उन्हें सींगों से पटक कर मार डाला। गांव बढारी बुजुर्ग के छत्रपाल सिंह (80) करीब पांच साल से सिद्ध बाबा आश्रम पर आकर साधुवेश में रहते थे।
वह यहां सेवा में लगे रहते थे। रात में भी यहीं सोते थे। वह अपने घर कभी-कभी ही जाते थे। आश्रम में 4-5 दिन पहले जंगल से एक काला हिरण आ गया था। वह आश्रम के आसपास मंडराने लगा। बुजुर्ग ने उसे चारा डालना शुरू कर दिया। हिरण वहीं रहने लगा। बुजुर्ग उसे चारा डालते, उसे नहलाने और उसकी सेवा करते थे।
लोगों का कहना है कि बाबा जब पूजा करते तो हिरण भी बाबा के साथ मंदिर तक जाता। सोमवार तड़के बाबा छत्रपाल जब उठे और शौचादि के लिए जाने लगे तभी अचानक काला हिरण हमलावर हो गया। उसने बुजुर्ग को सींग मार-मार कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। बाद में जब गांव वाले आश्रम पहुंचे तो बाबा को घायल अवस्था में देखा।
परिवारवालों को जब पता चला तो उन्हें अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल ले गए। यहां दोपहर तीन बजे उनकी मौत हो गई। परिवारवालों ने शव को गांव लाकर मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया। काला हिरण अभी भी आश्रम पर मौजूद है। इस बारे में अतरौली वन विभाग के रेंजर महफूज अली का कहना है कि ग्राम प्रधान से घटना की जानकारी प्राप्त हुई है, बुधवार को काले हिरण को वन विभाग टीम भेजकर पकड़ने के बाद सुरक्षित जंगल में छुड़वा दिया जाएगा।
सोमवार को क्षेत्र के गांव बढ़ारी बुजुर्ग में स्थित सिद्ध बाबा आश्रम में यह घटना हई । सोमवार की तड़के काले हिरण ने उन्हें सींगों से पटक कर मार डाला। गांव बढारी बुजुर्ग के छत्रपाल सिंह (80) करीब पांच साल से सिद्ध बाबा आश्रम पर आकर साधुवेश में रहते थे।
वह यहां सेवा में लगे रहते थे। रात में भी यहीं सोते थे। वह अपने घर कभी-कभी ही जाते थे। आश्रम में 4-5 दिन पहले जंगल से एक काला हिरण आ गया था। वह आश्रम के आसपास मंडराने लगा। बुजुर्ग ने उसे चारा डालना शुरू कर दिया। हिरण वहीं रहने लगा। बुजुर्ग उसे चारा डालते, उसे नहलाने और उसकी सेवा करते थे।
लोगों का कहना है कि बाबा जब पूजा करते तो हिरण भी बाबा के साथ मंदिर तक जाता। सोमवार तड़के बाबा छत्रपाल जब उठे और शौचादि के लिए जाने लगे तभी अचानक काला हिरण हमलावर हो गया। उसने बुजुर्ग को सींग मार-मार कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। बाद में जब गांव वाले आश्रम पहुंचे तो बाबा को घायल अवस्था में देखा।
परिवारवालों को जब पता चला तो उन्हें अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल ले गए। यहां दोपहर तीन बजे उनकी मौत हो गई। परिवारवालों ने शव को गांव लाकर मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया। काला हिरण अभी भी आश्रम पर मौजूद है। इस बारे में अतरौली वन विभाग के रेंजर महफूज अली का कहना है कि ग्राम प्रधान से घटना की जानकारी प्राप्त हुई है, बुधवार को काले हिरण को वन विभाग टीम भेजकर पकड़ने के बाद सुरक्षित जंगल में छुड़वा दिया जाएगा।
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