नई दिल्लीः दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ( DMRC ) ने भीड़ वाले 32 मेट्रो स्टेशन के एक्सटेंशन (लंबाई) की तैयारी की है। इससे स्टेशनों पर भीड़ अधिक होने पर भी असुविधा कम होगी। DMRC के मुताबिक, जिन 32 स्टेशनों के एक्सटेंशन की योजना सरकार ने बनाई है, उसमें नोएडा में पड़ने वाले मेट्रो स्टेशन सेक्टर-15, 16, 18, गोल्फ कोर्स और नोएडा सिटी सेंटर (लाइन-3) शामिल है। इसी तरह लाइन 4 यमुना बैंक से आनंद विहार के बीच पूर्वी दिल्ली पर पड़ने वाले लक्ष्मी नगर, निर्माण विहार और प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन भी शामिल है। इसके अलावा अन्य स्टेशन है, जहां पर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की क्षमता बढ़ाने के लिए काम होगा।
काम शुरू होने के बाद एक साल में होगा पूरामेट्रो अधिकारियों के मुताबिक, इसमें कुल 5.71 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मेट्रो ने इन स्टेशनों का काम करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। काम शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में एक साल का वक्त लगेगा। उम्मीद है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर में काम शुरू होगा। ये वे स्टेशन हैं जहां से रोजाना हजारों की संख्या में लोग सफर करते हैं। पीक आवर्स में इन स्टेशनों पर लंबी कतारें लगती हैं। ब्लू लाइन पर मेट्रो के सबसे व्यस्त कॉरीडोर में से एक है जहां से रोजाना 3.50 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं।
धक्का-मुक्की और हादसों में आएगी कमीडीएमआरसी के मुताबिक, प्लेटफॉर्म विस्तार से न केवल वर्तमान यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि बढ़ती हुई मेट्रो राइडरशिप की भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखा गया है। भीड़ कम होने से धक्का-मुक्की और दुर्घटनाओं के जोखिम में भी कमी आएगी। अधिकारी ने कहा, जैसे ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी, निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ेगी तो मेट्रो पर चढ़ना उतरना भी आसान होगा। अधिक भीड़ होने से भी राहत मिलेगी। पीक आवर्स में होने वाली भीड़ प्रबंधन में भी आसानी होगी। इसके अलावा भीड़ के चलते ट्रेन में चढ़ने उतरने में भी जो दिक्कतें आती है वह भी खत्म होगी।
काम शुरू होने के बाद एक साल में होगा पूरामेट्रो अधिकारियों के मुताबिक, इसमें कुल 5.71 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मेट्रो ने इन स्टेशनों का काम करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। काम शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में एक साल का वक्त लगेगा। उम्मीद है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर में काम शुरू होगा। ये वे स्टेशन हैं जहां से रोजाना हजारों की संख्या में लोग सफर करते हैं। पीक आवर्स में इन स्टेशनों पर लंबी कतारें लगती हैं। ब्लू लाइन पर मेट्रो के सबसे व्यस्त कॉरीडोर में से एक है जहां से रोजाना 3.50 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं।
धक्का-मुक्की और हादसों में आएगी कमीडीएमआरसी के मुताबिक, प्लेटफॉर्म विस्तार से न केवल वर्तमान यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि बढ़ती हुई मेट्रो राइडरशिप की भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखा गया है। भीड़ कम होने से धक्का-मुक्की और दुर्घटनाओं के जोखिम में भी कमी आएगी। अधिकारी ने कहा, जैसे ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी, निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ेगी तो मेट्रो पर चढ़ना उतरना भी आसान होगा। अधिक भीड़ होने से भी राहत मिलेगी। पीक आवर्स में होने वाली भीड़ प्रबंधन में भी आसानी होगी। इसके अलावा भीड़ के चलते ट्रेन में चढ़ने उतरने में भी जो दिक्कतें आती है वह भी खत्म होगी।
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