जयपुर: कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भाजपा नेता से मारपीट के मामले में कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में इंदिरा मीणा को ओर से एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द तो नहीं की लेकिन इस मामले में कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए पुलिस को निर्देश दिया। कोर्ट ने उन पर की जाने वाली अग्रिम कार्रवाई पर रोक लगा दी है। ऐसे में कांग्रेस विधायक को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने इस पूरे मामले पर पुलिस से भी रिपोर्ट मांगी है। मारपीट के आरोपों को बताया निराधारकांग्रेस विधायक के एडवोकेट कृतेश ओसवाल ने कोर्ट में कहा कि कांग्रेस विधायक पर मारपीट और गाड़ी में तोड़फोड़ के गलत आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में भाजपा नेता की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर को निरस्त किया जाए। एडवोकेट ओसवाल ने कहा कि यह मामला राजनैतिक द्वैषता के चलते दर्ज किया गया है। एफआईआर में मारपीट और गाड़ी में तोड़फोड़ के आरोप लगाए गए हैं जबकि परिवादी ने कोई मेडिकल नहीं कराया। आरोपी पक्ष द्वारा घटना के वीडियो फोटो भी कोर्ट में पेश किए हैं जिनमें गाड़ी में तोड़फोड़ नजर नहीं आ रही है। ऐसे में यह मामला सही नहीं है। जानिए क्या था पूरा मामलायह मामला करीब एक महीने पहले का है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें कांग्रेस विधायक और भाजपा नेता के बीच विवाद और हंगामा नजर आ रहा था। कांग्रेस विधायक ने गाड़ी में बैठे भाजपा की कॉलर खींची थी। दरअसल सवाई माधोपुर में हुए एक निर्माण कार्य पर नाम की पट्टी पर लिखे गए नाम से जुड़ा मामला था। भाजपा के मंडल अध्यक्ष पर आरोप था कि उन्होंने नाम पट्टिका से विधायक का नाम हटा दिया था। इस मामले को लेकर पूरा विवाद हुआ।
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