नई दिल्ली: पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना पर 12 दिन बहुत भारी गुजरने वाला है। भारत की तीनों सेनाएं अगले 30 अक्टूबर से 10 नवबंर तक पश्चिमी सीमा पर संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह सबसे विशाल युद्धाभ्यास है और जिस तरह से हाल ही में सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान की असीम मुनीर की सेना की नापाक गतिविधियां सामने आई हैं, उसको देखते हुए इस युद्धाभ्यास के मायने और बड़े हो जाते हैं। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के इस ज्वाइंट मिलिट्री ऑपरेशन को 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास का नाम दिया गया है।
भारत ने जारी किया NOTAM
भारत ने 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास के लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) वाली चेतावनी भी जारी कर दी है, जिसमें बताया गया है कि तीनों सेनाएं एक विशाल युद्धाभ्यास को अंजाम देने जा रही हैं। NOTAM में बताया गया है कि पश्चिमी सीमा पर तीनों से सेनाएं 30 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक 'त्रिशूल' युद्धाभ्यास में भाग लेंगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास के जरिए तीनों सेनाएं भारत की बढ़ती संयुक्तता (jointness) के साथ आत्मनिर्भरता (self-reliance) और इनोवेशन (नवाचार) का प्रदर्शन करेंगी, जो प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी की सशस्त्र सेना के लिए 'जय' (JAI-Jointness, Aatmanirbharta, Innovation) विजन के आधारस्तंभ हैं।
तीनों सेनाओं का 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास
'त्रिशूल'युद्धाभ्यास में दक्षिणी कमान के जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे अलग-अलग जगहों पर संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम देंगे। इसमें चुनौतियों से भरा कच्छा का क्रीक इलाका और पश्चीमी सीमा का रेगिस्तानी इलाका भी शामिल है। यही नहीं, भारतीय जवान सौराष्ट्र तट के समंदर में भी ऑपरेशन करेंगे। इस युद्धाभ्यास में खुफिया जानकारी जुटाने, निगराने करने और टोही गतिविधियों (Intelligence, Surveillance and Reconnaissance) को भी अंजाम दिया जाएगा। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और साइबर लड़ाई की चुनौतियों से जुड़े अभ्यास भी किए जाएंगे।
स्वदेशी पर हाथ आजमाएंगे सैनिक
'त्रिशूल'युद्धाभ्यास का मकसद सशस्त्र सेना की एकीकृत रणनीति को धार देना है, साथ ही आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वदेश में विकसित उपकरणों की संचालन क्षमता का भी युद्ध के मोर्चे के लिए आजमा कर देखना है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में दी गई है, क्योंकि बढ़ते जोखिमों से सशस्त्र सेनाओं को हर स्थिति में तैयार रखने का काम किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में भी भारत के स्वदेशी हथियार दुश्मन के छक्के छुड़ाने में निर्णायक साबित हुए थे।
बहुत ही विशाल युद्धाभ्यास के संकेत
सैटेलाइट इमेजरी एनालिस्ट डेमियन साइमन ने अपने एक्स हैंडल पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें भारत की ओर से पश्चिमी सीमा के लिए जारी NOTAM वॉर्निंग को दिखाया गया है। उन्होंने इस ऑपरेशन को असामान्य के रूप में विश्लेषित करने की कोशिश की है। क्योंकि, युद्धाभ्यास के लिए 28,000 तक की ऊंचाई को रिजर्व रखा गया, जो कि हालिया वर्षों में बहुत ही महत्वपूर्ण संयुक्त युद्धाभ्यास का संकेत है। मतलब, इस युद्धाभ्यास में आसमान से आने वाले दुश्मनों के निपटारे के लिए भी सशस्त्र सेनाएं अपना हाथ साफ करके देखेगी।
भारत ने जारी किया NOTAM
भारत ने 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास के लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) वाली चेतावनी भी जारी कर दी है, जिसमें बताया गया है कि तीनों सेनाएं एक विशाल युद्धाभ्यास को अंजाम देने जा रही हैं। NOTAM में बताया गया है कि पश्चिमी सीमा पर तीनों से सेनाएं 30 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक 'त्रिशूल' युद्धाभ्यास में भाग लेंगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास के जरिए तीनों सेनाएं भारत की बढ़ती संयुक्तता (jointness) के साथ आत्मनिर्भरता (self-reliance) और इनोवेशन (नवाचार) का प्रदर्शन करेंगी, जो प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी की सशस्त्र सेना के लिए 'जय' (JAI-Jointness, Aatmanirbharta, Innovation) विजन के आधारस्तंभ हैं।
तीनों सेनाओं का 'त्रिशूल'युद्धाभ्यास
'त्रिशूल'युद्धाभ्यास में दक्षिणी कमान के जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे अलग-अलग जगहों पर संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम देंगे। इसमें चुनौतियों से भरा कच्छा का क्रीक इलाका और पश्चीमी सीमा का रेगिस्तानी इलाका भी शामिल है। यही नहीं, भारतीय जवान सौराष्ट्र तट के समंदर में भी ऑपरेशन करेंगे। इस युद्धाभ्यास में खुफिया जानकारी जुटाने, निगराने करने और टोही गतिविधियों (Intelligence, Surveillance and Reconnaissance) को भी अंजाम दिया जाएगा। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और साइबर लड़ाई की चुनौतियों से जुड़े अभ्यास भी किए जाएंगे।
स्वदेशी पर हाथ आजमाएंगे सैनिक
'त्रिशूल'युद्धाभ्यास का मकसद सशस्त्र सेना की एकीकृत रणनीति को धार देना है, साथ ही आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत स्वदेश में विकसित उपकरणों की संचालन क्षमता का भी युद्ध के मोर्चे के लिए आजमा कर देखना है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में दी गई है, क्योंकि बढ़ते जोखिमों से सशस्त्र सेनाओं को हर स्थिति में तैयार रखने का काम किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में भी भारत के स्वदेशी हथियार दुश्मन के छक्के छुड़ाने में निर्णायक साबित हुए थे।
India has issued a notification for a Tri-Services Exercise along its western border with Pakistan, the chosen area & scale of activity are unusual
— Damien Symon (@detresfa_) October 24, 2025
Date | 30 October- 10 November 2025 pic.twitter.com/IsDdLs0x0k
बहुत ही विशाल युद्धाभ्यास के संकेत
सैटेलाइट इमेजरी एनालिस्ट डेमियन साइमन ने अपने एक्स हैंडल पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें भारत की ओर से पश्चिमी सीमा के लिए जारी NOTAM वॉर्निंग को दिखाया गया है। उन्होंने इस ऑपरेशन को असामान्य के रूप में विश्लेषित करने की कोशिश की है। क्योंकि, युद्धाभ्यास के लिए 28,000 तक की ऊंचाई को रिजर्व रखा गया, जो कि हालिया वर्षों में बहुत ही महत्वपूर्ण संयुक्त युद्धाभ्यास का संकेत है। मतलब, इस युद्धाभ्यास में आसमान से आने वाले दुश्मनों के निपटारे के लिए भी सशस्त्र सेनाएं अपना हाथ साफ करके देखेगी।
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