नई दिल्ली: भारतीय तट रक्षक ( Indian Coast Guard ) दल ने अरब सागर में एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण, लेकिन सफल मेडिकल इमरजेंसी रेस्क्यू का काम को अंजाम दिया है। कोस्ट गार्ड ने यह रेस्क्यू ऑपरेशन अरब सागर में बहुत ही दूर जाकर अंजाम दिया। इस अभियान में एक ईरानी जहाज पर विस्फोट में बुरी तरह से घायल शख्स को निकालकर लाया गया। हाल ही में कोस्ट गार्ड ने अरब सागर में ही 11 दिनों से लापता मछली पकड़ने वाली एक भारतीय बोट पर फंसे 31 मछुआरों को सुरक्षित निकाला था।
विस्फोट में जख्मी ईरानी नागरिक का रेस्क्यू
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक वीडियो शेयर करके भारतीय तट रक्षकों के शानदार रेस्क्यू ऑपरेशन साझा किया है। इसके मुताबिक एक ईरानी जहाज ढो अल-ओवैस (ढो अल-ओवैस) पर एक धमाका हुआ था, जिसमें एक ईरानी मछुआरा बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे तत्काल मेडिकल सहायता की जरूरत थी और भारतीय तट रक्षकों ने इस चुनौती को बखूबी कामयाबी में बदलने का काम किया। हालांकि,रिपोर्ट में इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
मुश्किल परिस्थितियों में ICG का शानदार काम
40 सेकंड के वीडियो में साफ दिख रहा है कि बीच समंदर में कैसे भारतीय तट रक्षक दल के जवानों ने अपनी जान पर खेलकर उस ईरानी मछुआरे को उसके जहाज से निकाल कर जल्द से जल्द जरूरी मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाने के लिए ले आए। तस्वीरों में जो दिख रहा है, उससे लग रहा है कि उस व्यक्ति को धमाके में बहुत ज्यादा चोट आई हैं।
31 भारतीय मछुआरों को सुरक्षित निकाला
तीन दिन (25 अक्टूबर) पहले ही भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने अरब सागर में ही फंसे 31 मछुआरों को सुरक्षित बचाया था। दरअसल, वह जिस सेंट एंटोन-I नाम के भारतीय बोट में मछली पकड़ने निकले थे, उसकी स्टीयरिंग गियर में खराबी की वजह से वह 11 दिनों से बीच समंदर में फंसी हुई थी। यह घटना न्यू मंगलुरु से करीब 100 नॉटिकल मील दूर की है।
11 दिनों से बीच समंदर में फंसी थी बोट
तट रक्षकों की कर्नाटक यूनिट को इस घटना की जानकारी 24 अक्टूबर को मिली और उन्होंने तुरंत उस लापता बोट की खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया। लापता हुई नाव गोवा की थी। तटरक्षक जहाज (ICGS) कस्तूरबा गांधी नियमित गश्त पर था। उसका रुख फौरन फंसी हुई बोट की आखिरी ज्ञात स्थिति की ओर मोड़ दिया गया। इसके साथ ही एक तट रक्षक डोर्नियर विमान को कोच्चि से हवाई खोज अभियान के लिए भेज दिया गया। बाद में पता चला कि खराब मौसम के कारण वह बोट काफी दूर बह गई थी। लेकिन, राहत की बात ये रही कि सभी 31 मछुआरों को सुरक्षित वापस ले आया गया।
विस्फोट में जख्मी ईरानी नागरिक का रेस्क्यू
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक वीडियो शेयर करके भारतीय तट रक्षकों के शानदार रेस्क्यू ऑपरेशन साझा किया है। इसके मुताबिक एक ईरानी जहाज ढो अल-ओवैस (ढो अल-ओवैस) पर एक धमाका हुआ था, जिसमें एक ईरानी मछुआरा बुरी तरह जख्मी हो गया। उसे तत्काल मेडिकल सहायता की जरूरत थी और भारतीय तट रक्षकों ने इस चुनौती को बखूबी कामयाबी में बदलने का काम किया। हालांकि,रिपोर्ट में इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
मुश्किल परिस्थितियों में ICG का शानदार काम
40 सेकंड के वीडियो में साफ दिख रहा है कि बीच समंदर में कैसे भारतीय तट रक्षक दल के जवानों ने अपनी जान पर खेलकर उस ईरानी मछुआरे को उसके जहाज से निकाल कर जल्द से जल्द जरूरी मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाने के लिए ले आए। तस्वीरों में जो दिख रहा है, उससे लग रहा है कि उस व्यक्ति को धमाके में बहुत ज्यादा चोट आई हैं।
31 भारतीय मछुआरों को सुरक्षित निकाला
तीन दिन (25 अक्टूबर) पहले ही भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने अरब सागर में ही फंसे 31 मछुआरों को सुरक्षित बचाया था। दरअसल, वह जिस सेंट एंटोन-I नाम के भारतीय बोट में मछली पकड़ने निकले थे, उसकी स्टीयरिंग गियर में खराबी की वजह से वह 11 दिनों से बीच समंदर में फंसी हुई थी। यह घटना न्यू मंगलुरु से करीब 100 नॉटिकल मील दूर की है।
@IndiaCoastGuard Ship Kasturba Gandhi and #ICG Dornier aircraft undertook a sea-air coordinated Search & Rescue operation for 31 fishermen onboard disabled #IFB Anton 1, adrift for 11 days amid inclement weather. Demonstrating exceptional professionalism and resolve, the #ICG… pic.twitter.com/80otew3Wtf
— Indian Coast Guard (@IndiaCoastGuard) October 26, 2025
11 दिनों से बीच समंदर में फंसी थी बोट
तट रक्षकों की कर्नाटक यूनिट को इस घटना की जानकारी 24 अक्टूबर को मिली और उन्होंने तुरंत उस लापता बोट की खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया। लापता हुई नाव गोवा की थी। तटरक्षक जहाज (ICGS) कस्तूरबा गांधी नियमित गश्त पर था। उसका रुख फौरन फंसी हुई बोट की आखिरी ज्ञात स्थिति की ओर मोड़ दिया गया। इसके साथ ही एक तट रक्षक डोर्नियर विमान को कोच्चि से हवाई खोज अभियान के लिए भेज दिया गया। बाद में पता चला कि खराब मौसम के कारण वह बोट काफी दूर बह गई थी। लेकिन, राहत की बात ये रही कि सभी 31 मछुआरों को सुरक्षित वापस ले आया गया।
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