बॉलीवुड एक्टर धर्मेंद्र की बहादुरी के कई किस्से फेमस हैं। उन्होंने पर्दे पर बेहतरीन काम करके दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है और आज उन्हें पूरा देश प्यार करता है। उन्हें 'ही-मैन' का टैग यूं ही नहीं दिया गया है। डायरेक्टर सत्यजीत पुरी ने एक इंटरव्यू में उनसे जुड़ा एक किस्सा सुनाया है। बताया है कि कैसे उन्होंने अंडरवर्ल्ड को धमकी दे दी थी और फिर दोबारा उनसे किसी ने भिड़ने की हिमाकत नहीं की थी।
डायरेक्टर सत्यजीत पुरी ने 'फ्राइडे टॉकीज' से खास बातचीत में बताया, 'उस वक्त अंडरवर्ल्ड बहुत ताकतवर था। उस वक्त अगर किसी एक्टर को अंडरवर्ल्ड कॉल करता था तो वो डर जाता था। लेकिन धर्मेंद्रजी और उनका परिवार कभी उनसे नहीं डरा। वह तो अंडरवर्ल्ड से कहते थे कि अगर तुम अगर तुम आओगे तो पूरा साहनेवाल पंजाब से आ जाएगा। तुम्हारे पास 10 लोग हैं, लेकिन मेरे पास पूरी आर्मी है। एक बोलूंगा और ट्रक भरकर आएंगे पंजाब से लड़ने के लिए। तो तू मेरे से पंगा न ले।'
फैन ने धर्मेंद्र पर चाकू से किया था हमला
सत्यजीत ने आगे बताया कि धर्मेंद हमलावरों से पल भर में ही निपट लेते थे। उन्होंने किस्सा सुनाया, 'एक बार एक फैन ने धर्मेंद्र पर चाकू से हमला किया लेकिन उन्होंने उस स्थित को एक मिनट में सम्भाल लिया। आज के एक्टर्स अपने साथ 6 बंदूकधारी बॉडीगार्ड्स के साथ घूमते हैं लेकिन उन दिनों धर्मेंद्र और विनोद खन्ना जैसे एक्टर्स खुलेआम घूमते थे।'
धर्मेंद्र ने खुद किया था एक्शन सीन करने का फैसला
सत्यजीत पुरी ने धर्मेंद्र के बारे में आगे बताया कि एक्टर ने न सिर्फ खुद को बल्कि एक धोड़े को भी चोटिल होने से बचाया था। 'धर्मेद्र, सनी और बॉबी देओल के जैसा कोई साहसी नहीं है। मैं उनकी फिल्म गुलामी में उनका असिस्टेंट था और उसी के एक शॉट के दौरान एक घोड़े को एक महल पर चढ़ना था और सीढ़ियां संगमरमर की थीं। धर्मेंद्रजी का डुप्लीकेट इसे करने के लिए तैयार था, लेकिन उन्होंने जिद की कि वह ये सीन खुद करेंगे। उन्होंने बस घोड़े के पास की जगह साफ करने को कहा।'
घोड़ा फिसला और धर्मेंद्र जमीन पर गिरे
सत्यजीत ने आगे बताया, 'लेकिन घोड़े ने वहीं पर पेशाब कर दिया और ये चीज किसी ने नहीं देखा। और इससे सीढ़ियों पर फिसलहन हो गई। धर्मेंद्र जी घुड़सवारी करते समय अपने पैर रकाब या फुटरेस्ट में नहीं रखते थे। वह घोड़ो को फ्रीस्टाइल में चलाते थे। अब जैसे ही घोड़ा ऊपर चढ़ा, वो फिसल गया। और मैंने देखा कि धर्मेंद्र जी का बायां पैर जमीन पर लगा और घोड़ा खड़ा हो गया।'
धर्मेंद्र ने असिस्टेंट का कॉलर पकड़ा, सब भाग गए
घटना के बाद धर्मेद्र इतने गुस्से में थे कि वो फिल्म के असिस्टेंट को मारने के लिए उसको खोजने लगे। 'वह इतने गुस्से में थे कि उन्होंने पहले असिस्टेंट का कॉलर पकड़ लिया। लेकिन वह बच निकला। फिर वो घोड़े को मारने वाले थे लेकिन फिर रुक गए। उस वक्त धर्मेंद्र जी के पास कोई नहीं था। सब भाग गए थे। जब शांत हुए तो उन्होंने घोड़े के मालिक को 200 रुपये दिए, क्योंकि वह गिर गया था। तो उन्हें लगा कि उसको चोट आई होगी तो वह इलाज करा लेंगे।'
डायरेक्टर सत्यजीत पुरी ने 'फ्राइडे टॉकीज' से खास बातचीत में बताया, 'उस वक्त अंडरवर्ल्ड बहुत ताकतवर था। उस वक्त अगर किसी एक्टर को अंडरवर्ल्ड कॉल करता था तो वो डर जाता था। लेकिन धर्मेंद्रजी और उनका परिवार कभी उनसे नहीं डरा। वह तो अंडरवर्ल्ड से कहते थे कि अगर तुम अगर तुम आओगे तो पूरा साहनेवाल पंजाब से आ जाएगा। तुम्हारे पास 10 लोग हैं, लेकिन मेरे पास पूरी आर्मी है। एक बोलूंगा और ट्रक भरकर आएंगे पंजाब से लड़ने के लिए। तो तू मेरे से पंगा न ले।'
फैन ने धर्मेंद्र पर चाकू से किया था हमला
सत्यजीत ने आगे बताया कि धर्मेंद हमलावरों से पल भर में ही निपट लेते थे। उन्होंने किस्सा सुनाया, 'एक बार एक फैन ने धर्मेंद्र पर चाकू से हमला किया लेकिन उन्होंने उस स्थित को एक मिनट में सम्भाल लिया। आज के एक्टर्स अपने साथ 6 बंदूकधारी बॉडीगार्ड्स के साथ घूमते हैं लेकिन उन दिनों धर्मेंद्र और विनोद खन्ना जैसे एक्टर्स खुलेआम घूमते थे।'
धर्मेंद्र ने खुद किया था एक्शन सीन करने का फैसला
सत्यजीत पुरी ने धर्मेंद्र के बारे में आगे बताया कि एक्टर ने न सिर्फ खुद को बल्कि एक धोड़े को भी चोटिल होने से बचाया था। 'धर्मेद्र, सनी और बॉबी देओल के जैसा कोई साहसी नहीं है। मैं उनकी फिल्म गुलामी में उनका असिस्टेंट था और उसी के एक शॉट के दौरान एक घोड़े को एक महल पर चढ़ना था और सीढ़ियां संगमरमर की थीं। धर्मेंद्रजी का डुप्लीकेट इसे करने के लिए तैयार था, लेकिन उन्होंने जिद की कि वह ये सीन खुद करेंगे। उन्होंने बस घोड़े के पास की जगह साफ करने को कहा।'
घोड़ा फिसला और धर्मेंद्र जमीन पर गिरे
सत्यजीत ने आगे बताया, 'लेकिन घोड़े ने वहीं पर पेशाब कर दिया और ये चीज किसी ने नहीं देखा। और इससे सीढ़ियों पर फिसलहन हो गई। धर्मेंद्र जी घुड़सवारी करते समय अपने पैर रकाब या फुटरेस्ट में नहीं रखते थे। वह घोड़ो को फ्रीस्टाइल में चलाते थे। अब जैसे ही घोड़ा ऊपर चढ़ा, वो फिसल गया। और मैंने देखा कि धर्मेंद्र जी का बायां पैर जमीन पर लगा और घोड़ा खड़ा हो गया।'
धर्मेंद्र ने असिस्टेंट का कॉलर पकड़ा, सब भाग गए
घटना के बाद धर्मेद्र इतने गुस्से में थे कि वो फिल्म के असिस्टेंट को मारने के लिए उसको खोजने लगे। 'वह इतने गुस्से में थे कि उन्होंने पहले असिस्टेंट का कॉलर पकड़ लिया। लेकिन वह बच निकला। फिर वो घोड़े को मारने वाले थे लेकिन फिर रुक गए। उस वक्त धर्मेंद्र जी के पास कोई नहीं था। सब भाग गए थे। जब शांत हुए तो उन्होंने घोड़े के मालिक को 200 रुपये दिए, क्योंकि वह गिर गया था। तो उन्हें लगा कि उसको चोट आई होगी तो वह इलाज करा लेंगे।'
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