नई दिल्ली: इटली के मशहूर डिजाइनर और अरमानी ग्रुप के फाउंडर जियोर्जियो अरमानी का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। अरमानी को दुनिया भर के फैशन में सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता था। वह अपनी आखिरी सांस तक बिजनेस और डिजाइन के काम में एक्टिव रहे। उन्होंने करीब पांच दशक तक फैशन की दुनिया में अपना दबदबा बनाए रखा और अरमानी को दुनिया के सबसे प्रसिद्ध लग्जरी ब्रांड्स में से एक बनाया। अरमानी अपने पीछे 10 अरब डॉलर का साम्राज्य छोड़कर गए हैं। अब सवाल यह है कि उनका वारिस कौन बनेगा?
अरमानी ने शादी नहीं की थी। माना जाता है कि उनकी भतीजी रोबर्टा उनके काफी करीब थी। रोबर्टा अरमानी के दिवंगत भाई सर्जियो की बेटी है। रोबर्टा ने एक्टिंग का करियर छोड़कर अरमानी का फैशन बिजनेस जॉइन किया था। लेकिन अरमानी ने संकेत दिया था कि उनका वारिस कोई एक व्यक्ति नहीं होगा। उन्होंने कंपनी में भरोसेमंद सहयोगी डेल'ऑरको और अपनी भतीजी सिल्वाना अरमानी को क्रिएटिव सक्सेसर नामित किया था। साथ ही उन्होंने अपनी बहन रोसना अरमानी और भतीजे आंद्रे अरमानी को भी अपनी विरासत सौंपी है।
किसे मिलेगी विरासत
साल 2016 में अरमानी ने अपने फाउंडेशन के जरिए अपनी विरासत का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया था। इसका मकसद अपने बिजनेस को बिकने से बचाना था। इसके मुताबिक उनके ग्रुप के शेयरों को वोटिंग राइट्स के साथ छह ब्लॉक्स में बांटा गया है। सभी वारिसों को बोर्ड में जगह दी गई है। इनमें रोसना, रोबर्टा, सिल्वाना, आंद्रे और डेल'ऑरको शामिल हैं। इसमें फाउंडेशन एंकर का काम करेगा और कंपनी की आजादी तथा पहचान को बनाए रखने के लिए काम करेगा। साथ ही इसमें यह शर्त भी लगाई गई है कि कंपनी को अरमानी के निधन के बाद 5 साल तक लिस्ट नहीं किया जा सकता है।
अरमानी ने शादी नहीं की थी। माना जाता है कि उनकी भतीजी रोबर्टा उनके काफी करीब थी। रोबर्टा अरमानी के दिवंगत भाई सर्जियो की बेटी है। रोबर्टा ने एक्टिंग का करियर छोड़कर अरमानी का फैशन बिजनेस जॉइन किया था। लेकिन अरमानी ने संकेत दिया था कि उनका वारिस कोई एक व्यक्ति नहीं होगा। उन्होंने कंपनी में भरोसेमंद सहयोगी डेल'ऑरको और अपनी भतीजी सिल्वाना अरमानी को क्रिएटिव सक्सेसर नामित किया था। साथ ही उन्होंने अपनी बहन रोसना अरमानी और भतीजे आंद्रे अरमानी को भी अपनी विरासत सौंपी है।
किसे मिलेगी विरासत
साल 2016 में अरमानी ने अपने फाउंडेशन के जरिए अपनी विरासत का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया था। इसका मकसद अपने बिजनेस को बिकने से बचाना था। इसके मुताबिक उनके ग्रुप के शेयरों को वोटिंग राइट्स के साथ छह ब्लॉक्स में बांटा गया है। सभी वारिसों को बोर्ड में जगह दी गई है। इनमें रोसना, रोबर्टा, सिल्वाना, आंद्रे और डेल'ऑरको शामिल हैं। इसमें फाउंडेशन एंकर का काम करेगा और कंपनी की आजादी तथा पहचान को बनाए रखने के लिए काम करेगा। साथ ही इसमें यह शर्त भी लगाई गई है कि कंपनी को अरमानी के निधन के बाद 5 साल तक लिस्ट नहीं किया जा सकता है।
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