नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विधि का शासन और इसका प्रभावी कार्यान्वयन आर्थिक विकास का मूल आधार है। जोकि 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह बात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 77वें आरआर बैच के अधिकारियों के लिए संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) द्वारा आयोजित दो दिवसीय एप्रिसिएशन कोर्स के उद्घाटन अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और नीतियों को युवा सिविल सेवकों द्वारा जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि संविधान की भावना उनके कार्यों और आचरण का मार्गदर्शन करे। उन्होंने आगे कहा कि उनके आचरण में बाबा साहब बी.आर. अंबेडकर द्वारा प्रतिपादित जन सेवा की भावना प्रतिबिम्बित होनी चाहिए।
भारत का संविधान हमारे लिए गर्व का विषय...
उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श के बाद एक ऐसा संविधान बनाया जो आज भी हमारे लिए गर्व का विषय और प्रेरणास्रोत है जिसकी प्रशंसा पूरी दुनिया में होती है।
युवा आईपीएस अधिकारियों को दिया समर्पण का मंत्र
युवा आईपीएस अधिकारियों को 'सेवा' और 'समर्पण' का मंत्र देते हुए, बिरला ने कहा कि कि वे अपने कार्यों को केवल दायित्व न मानकर अपने कर्तव्यों का पालन सच्ची सेवा और समर्पण की भावना से करें ।
उन्होंने कहा कि ईमानदारी, समर्पण और देशभक्ति के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले अधिकारियों को जनता का विश्वास और सम्मान प्राप्त होता है और जनता की सेवा करने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से अनूठी उपलब्धि और संतुष्टि मिलती है।
उन्होंने कहा कि विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और नीतियों को युवा सिविल सेवकों द्वारा जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि संविधान की भावना उनके कार्यों और आचरण का मार्गदर्शन करे। उन्होंने आगे कहा कि उनके आचरण में बाबा साहब बी.आर. अंबेडकर द्वारा प्रतिपादित जन सेवा की भावना प्रतिबिम्बित होनी चाहिए।
भारत का संविधान हमारे लिए गर्व का विषय...
उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श के बाद एक ऐसा संविधान बनाया जो आज भी हमारे लिए गर्व का विषय और प्रेरणास्रोत है जिसकी प्रशंसा पूरी दुनिया में होती है।
संसद के अध्ययन दौरे पर आए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 77वें आरआर बैच के अधिकारियों के एप्रिसिएशन कोर्स के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया।
— Om Birla (@ombirlakota) October 30, 2025
भारत की संसद और संसदीय प्रणाली विश्व के समक्ष मानक है। लोकतंत्र का यह सर्वोच्च संस्थान करोड़ों भारतीयों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम… pic.twitter.com/20pBWbeXBx
युवा आईपीएस अधिकारियों को दिया समर्पण का मंत्र
युवा आईपीएस अधिकारियों को 'सेवा' और 'समर्पण' का मंत्र देते हुए, बिरला ने कहा कि कि वे अपने कार्यों को केवल दायित्व न मानकर अपने कर्तव्यों का पालन सच्ची सेवा और समर्पण की भावना से करें ।
उन्होंने कहा कि ईमानदारी, समर्पण और देशभक्ति के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले अधिकारियों को जनता का विश्वास और सम्मान प्राप्त होता है और जनता की सेवा करने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से अनूठी उपलब्धि और संतुष्टि मिलती है।
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