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लाखों की भीड़, अनुमति क्या पुलिस- प्रशासन को भनक तक नहीं, पॉइंट्स में समझिए आंध्र प्रदेश मंदिर भगदड़ की कहानी

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विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। कुछ ही घंटों में मंदिर में हजारों लोग पहुंच चुके थे। मंदिर के सकरे प्रवेश द्वार से ही बाहर आने और अंदर जाने का रास्ता था। भीड़ जिस तेजी से बढ़ रही थी, भक्त उस स्पीड से बाहर नहीं निकल जा रहे थे। 11 बजे तक मंदिर में वह हाल हुआ कि सिर्फ भीड़ ही नजर आ रही थी। जन सैलाब से उमड़ आया था। अचानक रेलिंग टूटी और श्रद्धालु नीचे गिरने लगे। लोग जान बचाने को भागे और भगदड़ मच गई।

अधिकारियों का मानना है कि भीड़ प्रबंधन में लापरवाही, सुरक्षा योजना का अभाव, चल रहा निर्माण कार्य और आधिकारिक मंज़ूरी का अभाव, ये सब मिलकर इस त्रासदी का कारण बने।

आंध्र प्रदेश मंदिर हादसा कैसे हुआ?भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर परिसर में भगदड़ मच गई।
मंदिर में प्रवेश करने के लिए एक साथ आगे बढ़ने की होड़ में कई श्रद्धालु बेहोश हो गए।

प्रवेश और निकास द्वार एक ही थे, जिससे जाम की स्थिति पैदा हो गई और अफरा-तफरी और बढ़ गई।
जिस जगह पर तीर्थयात्री इकट्ठा हुए थे, वहां निर्माणाधीन था, जिससे आवाजाही के लिए जगह कम हो गई और भीड़ और बढ़ गई।


नहीं ली गई थी परमिशनमंदिर एक निजी तीर्थस्थल था, जो धर्मस्व विभाग के तहत पंजीकृत नहीं था।
कार्यक्रम आयोजकों ने इतनी बड़ी भीड़ के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी।
राज्य सरकार को इस कार्यक्रम के बारे में पहले से सूचित नहीं किया गया था।

जांच और राहत प्रयासघायलों को इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग बेहोश पाए गए।
मंत्री लोकेश तत्काल राहत और सहायता सुनिश्चित करने के लिए घटनास्थल का दौरा करेंगे।
कमियों का पता लगाने और जवाबदेही तय करने के लिए एक आधिकारिक जांच के आदेश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने क्या कहा?आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ में हुई जान-माल की हानि पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को घायलों के लिए शीघ्र और उचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को घटनास्थल का दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

पीएम मोदी की क्या घोषणा?प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगदड़ के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घोषणा की कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से पीड़ितों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को भी 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
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