पटना: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने को अच्छा फैसला बताया है। केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस एमपी और पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने कहा कि परंपरागत तौर पर उनकी पार्टी पहले से सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं करती, ऐसे में मुख्यमंत्री चेहरा तय करने में उसकी भागीदारी 'समर्थन का स्पष्ट संकेत है।' बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को ही महागठबंधन ने आरजेडी नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और वीआईवी के नेता मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
'वोटर चेहरे पर वोट देना चाहते हैं'
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मीडिया को बताया, 'मैं समझता हूं कि यह एक बहुत अच्छा डेवलपमेंट है, क्योंकि साफ कहूं तो हमारे देश में वोटर चेहरे पर वोट देना चाहते हैं। अतीत में यह कई सारे नेताओं की भी यह बड़ी ताकत थी। तमिलनाडु में लोगों ने जयललिया के लिए वोट किया, न कि उनकी पार्टी को, एमजीआर को वोट दिया न कि उनकी पार्टी को। बहुत सारे वोटर इसी भावना के साथ वोट देने आते हैं। इसी तरह बिहार में उनके लिए यह है कि अगर हमें वोट देंगे तो आपको ये मिलेगा।'
'कांग्रेस सीएम उम्मीदवार नहीं बताती'
थरूर ने आगे बताया कि 'यह बहुत अच्छा संदेश है और मैं समझता हूं कि यह गलत आइडिया नहीं है कि कांग्रेस पहली बार इसमें शामिल है।' उन्होंने कहा,'आमतौर पर कांग्रेस मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम नहीं बताती,लेकिन पहले से ही सीएम कैंडिडेट तय करने में हिस्सा ले रहे हैं। यह समर्थन का भी बहुत ही स्पष्ट संकेत है।'
कांग्रेस ने इनकार के बाद किया इकरार
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा काफी उठा पटक के बाद हुई है। पहले सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट पार्टियों में काफी घमासान हुआ। कई सीटों पर इन पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार भी उतार दिए। इसी दौरान राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस नेतृत्व ने बिहार भेजा। उन्होंने बातचीत करके न सिर्फ आपसी मतभेद दूर करवाने में मदद की, बल्कि सीएम चेहरे का सवाल भी सुलझा दिया, जिसपर राहुल गांधी भी अब तक आनाकानी करते नजर आए थे। हालांकि, कई सीटों पर अभी भी विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबले में बनी हुई हैं।
'वोटर चेहरे पर वोट देना चाहते हैं'
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मीडिया को बताया, 'मैं समझता हूं कि यह एक बहुत अच्छा डेवलपमेंट है, क्योंकि साफ कहूं तो हमारे देश में वोटर चेहरे पर वोट देना चाहते हैं। अतीत में यह कई सारे नेताओं की भी यह बड़ी ताकत थी। तमिलनाडु में लोगों ने जयललिया के लिए वोट किया, न कि उनकी पार्टी को, एमजीआर को वोट दिया न कि उनकी पार्टी को। बहुत सारे वोटर इसी भावना के साथ वोट देने आते हैं। इसी तरह बिहार में उनके लिए यह है कि अगर हमें वोट देंगे तो आपको ये मिलेगा।'
'कांग्रेस सीएम उम्मीदवार नहीं बताती'
थरूर ने आगे बताया कि 'यह बहुत अच्छा संदेश है और मैं समझता हूं कि यह गलत आइडिया नहीं है कि कांग्रेस पहली बार इसमें शामिल है।' उन्होंने कहा,'आमतौर पर कांग्रेस मुख्यमंत्री उम्मीदवार का नाम नहीं बताती,लेकिन पहले से ही सीएम कैंडिडेट तय करने में हिस्सा ले रहे हैं। यह समर्थन का भी बहुत ही स्पष्ट संकेत है।'
कांग्रेस ने इनकार के बाद किया इकरार
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा काफी उठा पटक के बाद हुई है। पहले सीट बंटवारे को लेकर विपक्षी गठबंधन में शामिल आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट पार्टियों में काफी घमासान हुआ। कई सीटों पर इन पार्टियों ने एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार भी उतार दिए। इसी दौरान राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस नेतृत्व ने बिहार भेजा। उन्होंने बातचीत करके न सिर्फ आपसी मतभेद दूर करवाने में मदद की, बल्कि सीएम चेहरे का सवाल भी सुलझा दिया, जिसपर राहुल गांधी भी अब तक आनाकानी करते नजर आए थे। हालांकि, कई सीटों पर अभी भी विपक्षी पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ मुकाबले में बनी हुई हैं।
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