अभय सिंह राठौड़, आजमगढ़: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को पश्चिम बंगाल के 7 करोड़ रुपये मूल्य के जेवरातों की डकैती केस बड़ी कामयाबी मिली है। एसटीएफ की टीम ने कार्रवाई करते हुए हुगली जिले में हुई सनसनीखेज ज्वेलरी डकैती कांड का पर्दाफाश कर दिया है। एसटीएफ ने कुख्यात लुटेरे आदर्श सिंह बेहड़ा और उसके साथी सूरज सेठ को आजमगढ़ जिले के गंभीरपुर टोल प्लाजा के पास से धर दबोचा है। इनके कब्जे से पुलिस ने 20 लाख रुपये नकद, 12 हीरे की अंगूठियां, 1 सोने की अंगूठी, 1 हीरे का नेकलेस, 2 मोबाइल फोन और लूट की रकम से खरीदी गई नई बुलेट मोटरसाइकिल बरामद की है।
क्या है पूरा मामला?दरअसल, पिछले 3 अगस्त को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के टीन मुखर्जी रोड स्थित सोहन गोल्ड, डायमंड ज्वेलरी शॉप में छह डकैतों ने दिनदहाड़े धावा बोल दिया था। असलहों से लैस बदमाशों ने दुकान में मौजूद सभी लोगों से मारपीट कर उन्हें बंधक बना लिया था। करीब 5 से 6 किलो सोना एवं डायमंड ज्वेलरी लूटकर फरार हो गए थे। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। व्यापारियों के बीच दहशत का माहौल बन गया था।
इस सनसनीखेज वारदात के बाद स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान सामने आया कि इस वारदात में बिहार और यूपी के पेशेवर अपराधी शामिल हैं। इसके बाद चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट (पश्चिम बंगाल) ने यूपी STF से मदद मांगी थी। पुलिस ने यूपी एसटीएफ से संदिग्धों की CCTV फुटेज, फोटो और अन्य जानकारियां साझा की थी।
यूपी एसटीएफ ने शुरू की जांचयूपी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की। इसी बीच एसटीएफ को सूत्रों से जानकारी मिली कि इस घटना का मास्टरमाइंड आदर्श सिंह बेहड़ा अपने साथियों सहित आजमगढ़ और आसपास के जिलों में छिपा हुआ है। इसी आधार पर 23 सितंबर को गंभीरपुर टोल प्लाजा के पास दबिश दी गई और आदर्श सिंह बेहड़ा व उसके साथी सूरज सेठ को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ वाराणसी की फील्ड इकाई के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने गिरफ्तारी की है।
पूछताछ में बड़ा खुलासाएसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि आदर्श सिंह बेहड़ा लंका थाना क्षेत्रान्तर्गत हैदराबाद गेट के पास किराये पर कमरा लेकर छिपकर रह रहा था। इसी दौरान उसकी दोस्ती बिहार के रहने वाले बिट्टू (वैशाली) और विनोद राय (पटना) से हुई। तीनों ने किसी बड़ी ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाने की योजना बनाई।
बिट्टू और विनोद ने आदर्श को बताया कि कोलकाता में एक नामी ज्वेलरी शॉप की रेकी कर ली गई है। वहां डकैती करनी है। 2 अगस्त को आदर्श सिंह बस से कोलकाता पहुंचा, जहां बिट्टू ने उसे बस स्टैंड से अपने घर ले जाकर गैंग से मिलवाया था।
दिया वारदात को अंजामगैंग के पास पहले से ही असलहे और चोरी की दो बाइक मौजूद थीं। 3 अगस्त को योजना के तहत गैंग के छह सदस्य सोहन गोल्ड-डायमंड ज्वेलरी शॉप पहुंचे थे। एक सदस्य बाहर निगरानी करता रहा, जबकि बाकी पांच लोग दुकान के अंदर घुसे और असलहों के बल पर मौजूद लोगों को बंधक बनाकर मारपीट की। इसके बाद बड़ी मात्रा में ज्वेलरी लूटकर फरार हो गए थे।
घटना के बाद लुटेरे पहले मोटरसाइकिल छोड़कर क्रेटा कार से रांची पहुंचे। वहां से इनोवा बुक कर वाराणसी आ गए थे। दो दिन बाद आदर्श सिंह लूट का सामान लेकर अपने गांव बेहड़ा पहुंचा था। कुछ दिनों बाद बिट्टू वाराणसी आया। इसके बाद लूट की ज्वेलरी का बंटवारा किया गया।
इन्हें सौंपा लूट का मालबटवारे के दौरान लूट का माल वाराणसी के सूरज सेठ (दानगंज, थाना चोलापुर) और जौनपुर के सूरजीत (थाना केराकत) को सौंपा गया। बदले में सूरज सेठ ने 35 लाख रुपये और सूरजीत ने 30 लाख रुपये दिए। STF की गिरफ्त में आने के बाद आदर्श सिंह बेहड़ा ने वारदात से जुड़ी सारी जानकारी कबूल कर ली है।
जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी आदर्श सिंह बेहड़ा का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है। उस पर 15 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज है।
कई मामलों में शामिल आदर्शआदर्श सिंह ने साल 2019 में जौनपुर जिले में दुकानदार से 76,000 रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। जबकि 2021 में प्रतिद्वंद्वी की हत्या की योजना बनाते समय एसटीएफ मुठभेड़ से बचकर फरार हो गया था इसके अलावा 2022 में जौनपुर में 50,000 रुपये की लूट की थी। 2024 में बिहार के मुजफ्फरपुर में सोना-चांदी की बड़ी लूट थी।
इसी तरह 2024 में भभुआ (बिहार) में जान से मारने की नीयत से फायरिंग भी की थी। एसटीएफ के मुताबिक, आदर्श सिंह बेहड़ा सर्राफा व्यापारियों को निशाना बनाने वाला कुख्यात अपराधी है। उसका चाचा दीपक सिंह बेहड़ा भी दुर्दांत अपराधी था, जिसकी वाराणसी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला?दरअसल, पिछले 3 अगस्त को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के टीन मुखर्जी रोड स्थित सोहन गोल्ड, डायमंड ज्वेलरी शॉप में छह डकैतों ने दिनदहाड़े धावा बोल दिया था। असलहों से लैस बदमाशों ने दुकान में मौजूद सभी लोगों से मारपीट कर उन्हें बंधक बना लिया था। करीब 5 से 6 किलो सोना एवं डायमंड ज्वेलरी लूटकर फरार हो गए थे। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। व्यापारियों के बीच दहशत का माहौल बन गया था।
इस सनसनीखेज वारदात के बाद स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान सामने आया कि इस वारदात में बिहार और यूपी के पेशेवर अपराधी शामिल हैं। इसके बाद चंदननगर पुलिस कमिश्नरेट (पश्चिम बंगाल) ने यूपी STF से मदद मांगी थी। पुलिस ने यूपी एसटीएफ से संदिग्धों की CCTV फुटेज, फोटो और अन्य जानकारियां साझा की थी।
यूपी एसटीएफ ने शुरू की जांचयूपी एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू की। इसी बीच एसटीएफ को सूत्रों से जानकारी मिली कि इस घटना का मास्टरमाइंड आदर्श सिंह बेहड़ा अपने साथियों सहित आजमगढ़ और आसपास के जिलों में छिपा हुआ है। इसी आधार पर 23 सितंबर को गंभीरपुर टोल प्लाजा के पास दबिश दी गई और आदर्श सिंह बेहड़ा व उसके साथी सूरज सेठ को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ वाराणसी की फील्ड इकाई के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने गिरफ्तारी की है।
पूछताछ में बड़ा खुलासाएसटीएफ की पूछताछ में सामने आया कि आदर्श सिंह बेहड़ा लंका थाना क्षेत्रान्तर्गत हैदराबाद गेट के पास किराये पर कमरा लेकर छिपकर रह रहा था। इसी दौरान उसकी दोस्ती बिहार के रहने वाले बिट्टू (वैशाली) और विनोद राय (पटना) से हुई। तीनों ने किसी बड़ी ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाने की योजना बनाई।
बिट्टू और विनोद ने आदर्श को बताया कि कोलकाता में एक नामी ज्वेलरी शॉप की रेकी कर ली गई है। वहां डकैती करनी है। 2 अगस्त को आदर्श सिंह बस से कोलकाता पहुंचा, जहां बिट्टू ने उसे बस स्टैंड से अपने घर ले जाकर गैंग से मिलवाया था।
दिया वारदात को अंजामगैंग के पास पहले से ही असलहे और चोरी की दो बाइक मौजूद थीं। 3 अगस्त को योजना के तहत गैंग के छह सदस्य सोहन गोल्ड-डायमंड ज्वेलरी शॉप पहुंचे थे। एक सदस्य बाहर निगरानी करता रहा, जबकि बाकी पांच लोग दुकान के अंदर घुसे और असलहों के बल पर मौजूद लोगों को बंधक बनाकर मारपीट की। इसके बाद बड़ी मात्रा में ज्वेलरी लूटकर फरार हो गए थे।
घटना के बाद लुटेरे पहले मोटरसाइकिल छोड़कर क्रेटा कार से रांची पहुंचे। वहां से इनोवा बुक कर वाराणसी आ गए थे। दो दिन बाद आदर्श सिंह लूट का सामान लेकर अपने गांव बेहड़ा पहुंचा था। कुछ दिनों बाद बिट्टू वाराणसी आया। इसके बाद लूट की ज्वेलरी का बंटवारा किया गया।
इन्हें सौंपा लूट का मालबटवारे के दौरान लूट का माल वाराणसी के सूरज सेठ (दानगंज, थाना चोलापुर) और जौनपुर के सूरजीत (थाना केराकत) को सौंपा गया। बदले में सूरज सेठ ने 35 लाख रुपये और सूरजीत ने 30 लाख रुपये दिए। STF की गिरफ्त में आने के बाद आदर्श सिंह बेहड़ा ने वारदात से जुड़ी सारी जानकारी कबूल कर ली है।
जांच में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी आदर्श सिंह बेहड़ा का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा है। उस पर 15 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज है।
कई मामलों में शामिल आदर्शआदर्श सिंह ने साल 2019 में जौनपुर जिले में दुकानदार से 76,000 रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। जबकि 2021 में प्रतिद्वंद्वी की हत्या की योजना बनाते समय एसटीएफ मुठभेड़ से बचकर फरार हो गया था इसके अलावा 2022 में जौनपुर में 50,000 रुपये की लूट की थी। 2024 में बिहार के मुजफ्फरपुर में सोना-चांदी की बड़ी लूट थी।
इसी तरह 2024 में भभुआ (बिहार) में जान से मारने की नीयत से फायरिंग भी की थी। एसटीएफ के मुताबिक, आदर्श सिंह बेहड़ा सर्राफा व्यापारियों को निशाना बनाने वाला कुख्यात अपराधी है। उसका चाचा दीपक सिंह बेहड़ा भी दुर्दांत अपराधी था, जिसकी वाराणसी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो चुकी है।
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