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News on delhi flood: दिल्लीवालों को डरा रही यमुना, पानी घुसने के बाद निगम बोध घाट बंद, क्या 2023 वाला होगा हाल... जब बाढ़ की जद में आ गया था रिंग रोड

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नई दिल्ली: यमुना में बाढ़ के हालात अब दिल्ली के लोगों को डराने लगे हैं। जिस तेजी से नदी का जलस्तर बढ़ रहा है आशंका है कि ये पानी बढ़ते-बढ़ते रिंग रोड तक पहुंच सकता है और एक बार फिर 2023 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं, जब यमुना नदी का पानी रिंग रोड के ऊपर बहने लगा था और वहां का नजारा किसी तालाब की तरह हो गया था। वर्तमान स्थिति की बात करें तो यमुना नदी के आसपास के निचले इलाकों में पानी भर चुका है। कई घर 3 से 4 फीट तक पानी में डूब चुके हैं।

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निचले इलाकों से अब तक 10 हजार लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाया जा चुका है। लेकिन हालात इससे भी ज्यादा बदतर होने की आशंका है। दरअसल, दिल्ली में यमुना का डेंजर लेवल पुराने रेलवे ब्रिज पर लगे मीटर से मापा जाता है। वहां पर वॉटर लेवल 205.33 मीटर होने पर इसे खतरे के निशान से ऊपर माना जाता है। यमुना नदी इस लेवल को पहले ही पार कर चुकी है। 3 सितंबर की दोपहर 1 बजे तक ही यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर तक पहुंच गया था और अब बताया जा रहा है कि रात 8 बजे तक यह बढ़कर 207.40 मीटर तक पहुंच जाएगा। बताया जा रहा है कि पानी अब आसपास के और ज्यादा इलाकों तक पहुंच सकता है।


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पानी से शवों के अंतिम संस्कार में आ रही परेशानीदिल्ली सरकार और प्रशासन दोनों ही अलर्ट मोड पर हैं। हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का सिलसिला जारी है। लेकिन अगर यमुना का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो हालात काफी खराब हो सकती हैं। हालात इतने खराब होते जा रहे हैं कि अब यमुना नदी का पानी निगम बोध घाट तक पहुंच गया है। यहां करीब 1 से लेकर 1.5 फीट तक पानी भर गया है, जिससे अब शवों का आंतिम संस्कार करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी उस जगह तक पहुंच गया है, जहां शवों को जलाया जाता है। इसे देखते हुए शाम 6 बजे निगम बोध घाट को बंद कर दिया गया है।

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हथिनीकुंड और वजीराबाद से हर घंटे छोड़ रहे पानीपानी से परेशानी की तस्वीरें यमुना के किनारे घटों के पास रहने वाले लोगों की भी सामने आ रही है। यमुना नदी आरती स्थल वासुदेव घाट का इलाका बाढ़ के पानी में डूब चुका है। यहां से लोग अपनी जरूरत का सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है। पूर्वानुमान के मुताबिक जलस्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है।

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