अक्सर लोग अपने बगीचों में फूलों को सजाना पसंद करते हैं। इनमें कुछ पौधे ऐसे होते हैं जो ना सिर्फ घर की सुंदरता को बढ़ाते हैं बल्कि उनका धार्मिक और औषधीय महत्व भी होता है। इन्हीं में एक पौधा है आक, जिसे मदार या अकौआ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस पौधे की जड़ों में भगवान गणेश का वास होता है और फूल शिव को प्रिय होते हैं इसलिए शिव की पूजा में इन फूलों का उपयोग होता है।
इतना ही नहीं इस पौधे को घर में लगाने से सुख-शांति और समृद्धि भी आती है। आमतौर पर यह पौधा जंगली जगहों पर उगता है, लेकिन इसे घर के गमले में उगाना भी बहुत आसान है। गणेश चतुर्थी के मौके पर हम आपको आक का पौधा आसानी से उगाने की जानकारी दे रहे हैं क्योंकि इसे उगाना बहुत शुभ भी माना जाता है।
सही गमले का सिलेक्शन
आक या मादर के पौधे की जड़ें गहरी होती हैं, इसलिए इसे कम से कम 10-12 इंच के बड़े गमले की जरूरत होगी। आप चाहें तो बड़ा कंटेनर या ग्रो बैग का इस्तेमाल कर सकते हैं। मिट्टी या सीमेंट का गमला हो तो और भी बेहतर होगा। उसमें नीचे की तरफ पानी निकलने के लिए पर्याप्त छेद होना चाहिए।
पॉटिंग मिक्स करें तैयार
सबसे अच्छी बात है कि यह पौधा किसी भी तरह की मिट्टी में उग सकता है, लेकिन अच्छी ग्रोथ के लिए भुरभुरी और रेतीली मिट्टी बेहतर रहती है। 60% सामान्य बगीचे की मिट्टी और 40% वर्मीकंपोस्ट को मिलाकर मिश्रण बना सकते हैं। चाहें तो नीम खली पाउडर भी मिला सकते हैं।
बीज या कलम से उगाएं पौधा
आक का पौधा बीज या कलम दोनों से उगाया जा सकता है। आक के पौधे में लंबी-लंबी फलियां लगती हैं, जिनमें रुई जैसे रेशे वाले बीज होते हैं। इन बीजों को मिट्टी में बो दें और हल्का पानी डालें। कुछ दिनों में अंकुरित हो जाएंगे। वहीं एक मैच्योर टहनी को काटकर सीधे मिट्टी में लगाया जा सकता है।
पानी और धूप का ध्यान रखें

आक के पौधे को पूरी तरह से धूप पसंद है तो ऐसी जगह पर लगाएं जहां दिन में कम से कम 6-7 घंटे की सीधी धूप मिले। ध्यान रहे कि धूप की कमी से पौधा कमजोर हो सकता है और इसमें फूल नहीं आएंगे। इसे बहुत कम पानी की जरूरत होती है। मिट्टी सूख जाने पर ही पानी दें, ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं।
यूं उगाएं आक का पौधा
आक के पौधे के ये फायदे भी जानें
धार्मिक महत्व के अलावा आक के पौधे के औषधीय फायदे भी हैं। इसकी पत्तियों को गर्म करके जोड़ों के दर्द पर रखने से राहत मिलती है। इसके दूध का इस्तेमाल छोटे-मोटे घावों को ठीक करने के लिए होता है, हालांकि सावधानी से उपयोग करना चाहिए। आयुर्वेद में इसका उपयोग कुछ त्वचा रोगों के इलाज में भी होता है। वहीं एक सुंदर पौधा है, जिसमें बैंगनी और सफेद रंग के खूबसूरत फूल लगते हैं, जो आपके बगीचे की शोभा बढ़ाते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे यूट्यूब वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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