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गैस स्टोव से घरों में फैलती बेंजीन, सेहत के लिए बन सकती है बड़ा खतरा,स्टडी का दावा

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क्या आप जानते हैं कि आपके किचन का साधारण सा गैस स्टोव आपकी सेहत के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है? हाल ही में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में की गई एक स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस स्टडी के मुताबिक, गैस स्टोव से बेंजीन नामक खतरनाक रसायन निकलता है, जो एक ज्ञात कार्सिनोजन ,कैंसर पैदा करने वाला तत्व है।

अक्सर हम गैस स्टोव को एक सुविधाजनक साधन मानते हैं, जो तेजी से खाना पकाने में मदद करता है। लेकिन जब यह हमारी सांसों के जरिए धीरे-धीरे ज़हर हमारे शरीर में घोलता है, तो खतरा बढ़ जाता है। बेंजीन का प्रभाव न केवल फेफड़ों पर पड़ता है, बल्कि यह हमारे रक्त और इम्यूनिटी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

यह समस्या केवल उन लोगों तक सीमित नहीं है जो किचन में खाना बनाते हैं, बल्कि घर के अन्य सदस्यों तक भी इसका असर पहुंच सकता है। इसलिए अब वक्त आ गया है कि हम गैस स्टोव के उपयोग को लेकर जागरूक हों और अपने घर में सुरक्षित कुकिंग के उपायों पर गंभीरता से विचार करें। (Photo Credit):iStock


बेंजीन क्या है और यह क्यों खतरनाक है image

बेंजीन एक रंगहीन, मीठी गंध वाली गैस है जो पेट्रोलियम उत्पादों से निकलती है। यह मानव शरीर के लिए बेहद विषैली है और लंबे समय तक इसके संपर्क में आने से ल्यूकेमिया जैसी रक्त से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्टैनफोर्ड की स्टडी के अनुसार, घरेलू गैस स्टोव से भी बेंजीन का उत्सर्जन होता है, जो सामान्य वेंटिलेशन से भी पूरी तरह बाहर नहीं निकलता। इससे घर के भीतर की वायु गुणवत्ता बिगड़ सकती है और फेफड़ों तथा इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए बेंजीन को हल्के में नहीं लेना चाहिए।


गैस स्टोव से निकलने वाली बेंजीन कैसे फैलती है image

जब हम गैस स्टोव जलाते हैं, तो अधजले ईंधन से बेंजीन जैसी हानिकारक गैसें निकलती हैं। स्टैनफोर्ड रिसर्च में पाया गया कि इन गैसों का स्तर केवल खाना पकाने के दौरान ही नहीं, बल्कि उसके घंटों बाद भी घर के वातावरण में बना रह सकता है। खासकर यदि किचन या घर में वेंटिलेशन सही नहीं है, तो बेंजीन धीरे-धीरे पूरे घर में फैल सकती है। यह खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है।


कौन लोग हैं सबसे ज्यादा जोखिम में image

गैस स्टोव से निकलने वाली बेंजीन गैस से सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और उन लोगों को होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कमजोर है। बच्चे और बूढ़े शारीरिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं, इसलिए उनके शरीर पर बेंजीन का असर जल्दी और ज्यादा गंभीर तरीके से हो सकता है। अगर घर में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या एलर्जी जैसी बीमारियों का इतिहास है, तो स्थिति और भी चिंताजनक हो सकती है। इसलिए इन समूहों के लोगों के लिए खास सावधानी बरतना जरूरी है।


घर में बेंजीन के खतरे को कैसे कम करें image

अगर आप गैस स्टोव का उपयोग करते हैं, तो कुछ आसान उपायों से बेंजीन के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सबसे पहले तो खाना बनाते समय किचन की खिड़कियां और वेंटिलेशन फैन चालू रखें। जहां संभव हो, वहां रेंज हुड या एक्जॉस्ट सिस्टम का इस्तेमाल करें। इलेक्ट्रिक स्टोव जैसे विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है। साथ ही, किचन की सफाई और गैस उपकरणों की समय-समय पर सर्विसिंग करवाना भी जरूरी है ताकि अधजले गैस के रिसाव को रोका जा सके।


भविष्य के लिए क्या कहती हैं स्टडीज़ image

स्टैनफोर्ड की यह स्टडी एक चेतावनी है कि घरों के अंदर वायु प्रदूषण को अब गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आने वाले समय में और भी रिसर्च की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गैस स्टोव के विकल्प जैसे इंडक्शन या इलेक्ट्रिक कुकिंग कितने सुरक्षित हैं। इसके अलावा, वैज्ञानिक अब ऐसे सस्ते और सरल वेंटिलेशन सिस्टम पर काम कर रहे हैं जो हर घर में आसानी से लगाए जा सकें। यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए हमें अपनी किचन आदतों में बदलाव करना ही होगा।

डिस्क्लेमर:यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।​

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