Canada Election 2025: कनाडा में सोमवार (28 अप्रैल) को चुनाव होने वाले हैं। पहले वोटिंग के लिए 20 अक्टूबर 2025 की डेट तय की गई थी, लेकिन फिर राजनीतिक उथल-पुथल के चलते चुनाव की तारीख अप्रैल में तय की गई। कनाडा में हो रहे चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर के स्टूडेंट्स की नजर टिकी हुई है। पिछले डेढ़ से दो साल में कनाडा के भीतर विदेशी छात्रों के लिए माहौल खराब हुआ है। हालांकि, चुनाव के बाद नई सरकार के आने से हालात बदलने की उम्मीद जताई जा रही है। स्टडी अब्रॉड कंसल्टेंट का मानना है कि नई सरकार विदेशी छात्रों, खासतौर पर भारतीयों के लिए मददगार होने वाली है। इसका फायदा कनाडा में पढ़ रहे या फिर वहां पढ़ने की प्लानिंग करने वाले छात्रों को मिलेगा। 2023 और 2024 के बीच कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 40% की गिरावट हुई। हालांकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अपने देश में विदेशी छात्रों के लिए नियम कड़े किए हैं, जिससे कनाडा एक बार फिर से भारतीयों के बीच पढ़ाई के लिए पॉपुलर हो सकता है। कनाडा को लेकर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?अनुज गुप्ता कनाडा और जर्मनी के लिए स्टडी अब्रॉड कंसल्टेंट AECC के हेड-क्लाइंट रिलेशंस देखते हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स से बात करते हुए अनुज ने कहा, "2025 का फेडरल इलेक्शन कनाडा के भविष्य पर सोचने का एक अच्छा मौका है। इंटरनेशनल एजुकेशन इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।" इस चुनाव में मुकाबला लिबरल पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोइलिवरे के बीच है। अभी तक की रेटिंग में दोनों के बीच कड़ी टक्कर हो रही है। स्टडी अब्रॉड कंसल्टेंसी आई20 फीवर के को-फाउंडर अरविंद मंडुवा ने कहा, "हमने सबसे बुरा दौर देख लिया है और मुझे लगता है कि जो भी जीतेगा, वह पॉजिटिव माहौल बनाएगा, खासकर 'स्टडी इन कनाडा' के लिए।" उन्होंने आगे कहा कि "ट्रंप के पहले कार्यकाल में कई लोगों ने, जिनके पास H1B (वीजा) था, कनाडा में PR के लिए अप्लाई किया था। ऐसा अब भी होने की संभावना है।"हालांकि, स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म आईस्कूलकनेक्ट के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर वैभव गुप्ता का कहना है कि भारतीय छात्र कनाडा पर तभी विचार करेंगे जब विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए कोई बड़ा पॉलिसी चेंज होगा। गुप्ता ने कहा, "हम आईस्कूलकनेक्ट में भी यही देख रहे हैं। कनाडा के बारे में हमारी पूछताछ लगभग न के बराबर है।" कनाडा को क्यों चुन सकते हैं भारतीय छात्र?भारतीय छात्र ज्यादातर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स), एग्रीकल्चर और एग्रीकल्चर फूड, हेल्थकेयर, ट्रेड और ट्रांसपोर्ट जैसे कोर्सेज की पढ़ाई कनाडा में करते हैं। ज्यादातर स्किल्ड प्रोफेशनल प्रोग्राम में को-ऑप या इंटर्नशिप प्रोग्राम होता है। इससे छात्रों को रियल-वर्ल्ड एक्सपीरियंस से सीखने का मौका मिलता है। कनाडा भारतीय छात्रों के लिए टॉप चार ओवरसीज एजुकेशन डेस्टिनेशंस में से एक है। बाकी तीन देश- अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया हैं।अमेरिका में अभी छात्रों की स्थिति खराब है। स्टूडेंट वीजा कैंसिल किए जा रहे हैं और छात्र डिपोर्ट हो रहे हैं। ऊपर से ट्रंप सरकार ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) खत्म करने पर विचार कर रही है, जो ग्रेजुएट छात्रों के लिए जॉब का एक रास्ता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो अमेरिका जाने की सोच रहे छात्र कनाडा पढ़ने जा सकते हैं। कनाडा में अमेरिका के मुकाबले फीस भी कम है। इसी तरह से ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भी वीजा नियम कड़े किए गए हैं, जिसका फायदा कनाडा को मिलेगा।
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