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Kalki Puran Predictions : कलियुग में भगवान कल्कि का जन्म होने पर क्या-क्या होगा, जानें कल्कि पुराण की 5 भविष्यवाणियां

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धरती पर जब-जब पाप बढ़ता है, तो भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतार लेकर धरती से पाप का अंत करते हैं। यह बात भागवत गीता, विष्णु पुराण सहित कई पुराणों में लिखी गई है। कल्कि पुराण में भी भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से जुड़ीं कई भविष्यवाणियां की गई हैं। कल्कि पुराण के अनुसार भगवान कल्कि का जन्म तब होगा, जब कलियुग अपनी चरम सीमा तक पहुंच जाएगा और पूरी दुनिया में उथल-पुथल हो रही होगी। आइए, विस्तार से जानते हैं कि भगवान कल्कि का जन्म होने पर क्या-क्या होगा।
बढ़ते घोर पाप के बीच जन्म लेंगे भगवान कल्कि image

कल्कि पुराण के अनुसार जब भगवान कल्कि का जन्म होगा, तो धरती पर हर तरफ विनाश के बादल मंडरा रहे होंगे। लोग एक-दूसरे के प्रति दया और सहानुभूति की भावना नहीं रखेंगे। धरती पर अत्याचार इतना बढ़ जाएगा कि ईमानदार और अच्छे लोगों को धरती पर जीने में घुटन महसूस होगी। शक्तिशाली लोग अपने छोटे-से लाभ के लिए कमजोर लोगों का शोषण करेंगे। अराजकता के बीच भगवान कल्कि का जन्म होगा। उनके जन्म के समय सभी लोग एक दिव्य बालक की रक्षा के लिए लग जाएंगे।


कलियुग में भगवान कल्कि की रक्षा और सहयोग के लिए आएंगे चिंरजीवी image

कल्कि पुराण के अनुसार शिशु रूप में भगवान कल्कि की रक्षा के लिए 6 चिंरजीवी कलियुग में आएंगे। ये 6 चिंरजीवी धरती पर बढ़ रहे पाप और अधर्म का नाश करने में भगवान कल्कि का सहयोग करेंगे। ये चिंरजीवी हैं अश्वत्थामा, महर्षि वेद व्यास, हनुमान जी, विभीषण, कृपाचार्य और परशुराम जी।


धरती पर होगी मूसलाधार बारिश, बाढ़ जैसे बन जाएंगे हालात image

कल्कि पुराण के अनुसार जब भगवान कल्कि का जन्म होगा, तो धरती पर मूसलाधार बारिश हो रही होगी। सभी लोग मौसम के विकराल रूप से परेशान नजर आएंगे। एक रात में इतनी बारिश होगी कि बाढ़ जैसे हालात बन जाएंगे। साथ ही तेज आंधियों के कारण मनुष्य के कदम स्थिर नहीं रहेंगे। सबसे खास बात यह है कि अंधेरी रात में भी संभल (जहां भगवान कल्कि का जन्म होगा) वहां पर दिव्य रोशनी फैली होगी।


भगवान कल्कि के जन्म के समय धरती पर आएंगे कई देवी-देवता image

भगवान विष्णु का जन्म जब भी किसी अवतार के रूप में होता है, तो समस्त देवतागण उनके दर्शन करने के लिए धरती पर आते हैं। त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में जन्म लिया था और द्वापर युग में विष्णु जी ने भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लिया था, इन दोनों ही युगों में समस्त देवी-देवता उनके दर्शन के लिए किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर आए थे, इसी तरह कलियुग में भी देवी-देवता कल्कि अवतार के दर्शन करने के लिए धरती पर आएंगे।


समुद्र में समा चुके प्राचीन शहर फिर से आएंगे नजर image

कल्कि पुराण के अनुसार अलग-अलग युग में जलमग्न हो चुके धार्मिक नगर समुद्र में फिर से नजर आने लग जाएंगे। जैसे, भगवान कृष्ण की समुद्र में समा चुकी द्वारका नगरी फिर से समुद्र में नजर आने लग जाएगी। भगवान कल्कि के जन्म के समय जब बाढ़ और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आएंगी, तो कई प्राचीन शहर फिर से नजर आने लग जाएंगे।

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