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May 2025 Vrat Tyohar Date : मई में कई व्रत-त्योहार, कब है एकादशी-प्रदोष व्रत, बुद्ध पूर्णिमा और शनि जयंती? यहां देखें मई के व्रत त्योहार की पूरी लिस्ट

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साल 2025 का मई महीना गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। इस महीने की शुरुआत मृगशिरा नक्षत्र में होगी और पंचांग के अनुसार इस दिन चतुर्थी तिथि से शुरू हो रहा है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से मई में कुछ-कुछ दिन वैशाख और ज्येष्ठ मास के भी होंगे। मई में कई ग्रह गोचर और व्रत त्योहार आने वाले हैं। यह महीना 31 मई को शनिवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को समाप्त होगा। आइये जानते हैं मई में एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या समेत कौन-कौन से व्रत त्योहार आने वाले हैं।
​गंगा सप्तमी (3 मई, शनिवार) image

मां गंगा को समर्पित गंगा सप्तमी का त्योहार 3 मई 2025 को मनाया जाएगा। वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि 3 मई सुबह 7.51 बजे शुरू होगी और 4 मई सुबह 7.18 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि की वजह से यह 3 मई को मनाई जाएगी। मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन मा गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। बताया जाता है कि जब भागीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्मा को शुद्ध करने के लिए गंगा को जमीन पर लाया था तो गंगा के वेग से जाह्नु ऋषि का आश्रम नष्ट हो गया था। तब जाह्नु ऋषि ने गुस्से में आकर गंगा का सारा पानी पी लिया था। इसके बाद भागीरथ और देवताओं ने जाह्नु ऋषि से माफी मांगी थी तब जाकर उन्होंने वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि को गंगा को मुक्त किया था। इसलिए गंगा सप्तमी मनाई जाती है। गंगा को जाह्नु ऋषि की पुत्री जाह्नवी के रूप में भी पूजा जाता है।


​सीता नवमी (5 मई, सोमवार) image

सीता नवमी को सीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन माता सीता का प्राक्ट्य हुआ था। वैशाख शुक्ल नवमी के दिन सीता जयंती मनाई जाती है। इस बार सीता नवमी 5 मई को मनाई जाएगी। इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।


​मोहिनी एकादशी (8 मई, गुरुवार) image

मोहिनी एकादशी व्रत वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10.19 बजे शुरू होगी और 8 मई को दोपहर 12.29 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के चलते 8 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं को अमृत दिलाने में मदद के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था, मोहिनी एकादशी व्रत का संबंध इससे ही है।


​शुक्र प्रदोष व्रत (9 मई, शुक्रवार) image

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। शुक्रवार होने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है। वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई को लग रही है। इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत शिव-पार्वती को समर्पित होता है।


​नृसिंह जयंती (11 मई, रविवार) image

नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि 11 मई को लगेगी। नृसिंह जयंती पर शाम 4.21 बजे से शाम 7.03 बजे तक पूजन का समय है। नृसिंह जयंती के पारण का समय 12 मई को सुबह 5.32 बजे से सूर्योदय से पहले तक है। नृसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे और उन्होंने हिरण्यकश्यपु का वध किया था।


​वैशाख पूर्णिमा व्रत या बुद्ध पूर्णिमा (12 मई, सोमवार) image

वैशाख पूर्णिमा का व्रत 12 मई को रखा जाएगा। इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 11 मई को रात 8.01 बजे लगेगी और 12 मई को रात 10.25 बजे समाप्त होगी। वैशाख पूर्णिमा नृसिंह जयंती के बाद आती है। वैशाख पूर्णिमा पर चांद निकलने का समय शाम 6.57 बजे है। इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के द्वितीय अवतार कूर्म का प्राक्ट्य हुआ था।


नारद जयंती (13 मई, मंगलवार) image

ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा को नारद जयंती मनाई जाती है। 13 मई को नारद जयंती मनाई जाएगी। पुराणों में देवर्षि नारद को भगवान विष्णु का परम भक्त बताया गया है और वह देवताओं को सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराते थे।


​एकदंत संकष्टी चतुर्थी (16 मई, शुक्रवार) image

एकदंत संकष्टी चतुर्थी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। संकष्टी चतुर्थी तिथि 16 मई को सुबह 4.02 बजे शुरू होगी और 17 मई को सुबह 5.13 बजे समाप्त होगी। ऐसे में संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 मई को रखा जाएगा।


​अपरा एकादशी (23 मई, शुक्रवार) image

अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को रखा जाता है। अपरा एकादशी व्रत 23 मई को रखा जाएगा और पारण द्वादशी तिथि यानी 24 मई को सुबह 5.26 बजे से सुबह 8.11 बजे के बीच होगा।


​शनि प्रदोष व्रत (24 मई, शनिवार) image

ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त 24 मई को शाम 7.20 बजे से रात 9.13 बजे तक है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है।

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