हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश हुई तथा अधिकारियों ने आने वाले दिनों में और बारिश होने के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए कई एहतियाती कदम उठाये हैं। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण सोमवार को यमुना समेत कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिसके बाद अधिकारियों को यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज के द्वार खोलने पड़े। एहतियात के तौर पर, कुछ प्रभावित इलाकों में मंगलवार को स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया है।
वहीं पिछले कुछ दिनों से चंडीगढ़ में हो रही भारी बारिश के कारण शहर के सभी स्कूल मंगलवार को बंद रहेंगे। यह निर्णय सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के मुख्य सचिव (प्रभारी) मंदीप सिंह बराड़ की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद लिया गया। बैठक में भारी बारिश से निपटने के लिए शहर की तैयारियों की समीक्षा की गई। चंडीगढ़ में रविवार से अब तक लगभग 100 मिलीमटर (मिमी) बारिश हो चुकी है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उपायुक्तों के साथ बैठक की और राज्य भर में बारिश व बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन जिलों में स्कूल बंद करने के आदेश हैं, वहां ‘पूरी तरह से स्कूल बंद’ हों।
एक बयान के अनुसार, सैनी ने निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित पंजाब से हरियाणा आने वाले लोगों के लिए तुरंत आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाए। वहीं, बाढ़ प्रभावित पंजाब के कई हिस्सों में सोमवार को भारी बारिश हुई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
गुरुग्राम जिला प्रशासन ने एक अहम सूचना जारी की है। शहर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 2 सितंबर को छुट्टी घोषित कर दी गई है। साथ ही, स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं लेने को कहा गया है। इसके साथ ही कंपनियों से कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने का अनुरोध किया गया है। दरअसल, मौसम विभाग ने मंगलवार, 2 सितंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है। लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास व रावी नदियां और मौसमी छोटी नदियां उफान पर हैं। पठानकोट, गुरदासपुर, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल हैं, जहां कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। होशियारपुर जिले में हुई बारिश ने बाढ़ की स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिससे पानी अन्य गांवों में घुस गया और निचले इलाकों में फसलों को नुकसान पहुंचा। गढ़शंकर और होशियारपुर उप-मंडल सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
रात भर हुई बारिश के बाद हकुमतपुर, बद्दों, अलावलपुर, भाना, ठक्करवाल और खानपुर गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। वहीं भाना और अलावलपुर में भी पानी घरों में घुस गया। गढ़शंकर के एसडीएम संजीव कुमार ने बताया, “प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था की है और सरकारी सहायता से आस-पास के गुरुद्वारों के माध्यम से पका हुआ भोजन परोसा जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि रविवार शाम को बारिश के कुछ देर रुकने के बाद जलस्तर कम हुआ था लेकिन रात भर हुई भारी बारिश ने मुसीबत और बढ़ा दीं। अधिकारी ने बताया, “कुछ गांवों में खेत और गलियां अभी भी पानी में डूबी हुई हैं।”
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