भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले किसी भी प्रकार के सामान – चाहे वह प्रत्यक्ष रूप से हो या किसी अन्य देश के जरिए परोक्ष रूप से – के आयात पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला पाकिस्तान के खिलाफ एक निर्णायक आर्थिक स्ट्राइक के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से 2 मई को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि यह निर्णय Foreign Trade Policy (FTP) 2023 में संशोधन के रूप में लिया गया है। इस संशोधन के अनुसार, अब पाकिस्तान से किसी भी प्रकार का उत्पाद भारत में नहीं आ सकेगा – न सीधे, न ही किसी तीसरे देश के माध्यम से।
विदेश व्यापार नीति में हुआ संशोधन, DGFT ने दी जानकारी
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की अधिसूचना के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति की रक्षा के उद्देश्य से लिया गया है। FTP 2023 में जोड़े गए नए प्रावधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पाकिस्तान से आयात या उसके जरिये कोई भी सामान भारत नहीं आ सकेगा। इसमें वह सामान भी शामिल है जो नियमों के तहत स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हो या विशेष अनुमति के अधीन हो। जब तक भारत सरकार की ओर से कोई अगला आदेश नहीं आता, तब तक यह पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा।
केवल विशेष सरकारी स्वीकृति पर मिलेगी छूट
इस प्रतिबंध में किसी भी प्रकार की छूट केवल भारत सरकार की विशेष स्वीकृति के बाद ही दी जा सकेगी। यह निर्णय उस आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।
कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर भारत का कड़ा रुख
पहल्गाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति बेहद कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने एक ओर जहां कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरना शुरू किया, वहीं आर्थिक स्तर पर भी कई कड़े कदम उठाए हैं। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत ने हर स्तर पर उसे घेरने का निश्चय कर लिया है।
सिंधु जल संधि और संयुक्त राष्ट्र की राह
भारत द्वारा सिंधु जल संधि की समीक्षा और अन्य प्रतिबंधात्मक उपायों की घोषणा के बाद पाकिस्तान की ओर से पहले आक्रामक बयानबाजी की गई। लेकिन जब भारत ने रुख नहीं बदला, तो पाकिस्तान ने पश्चिमी देशों और अब संयुक्त राष्ट्र का रुख किया है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के कदमों को “वैश्विक शांति के लिए खतरा” बताया, लेकिन इसे भारत पर दबाव डालने की असफल रणनीति माना जा रहा है।
भारत ने तेज की पाकिस्तान को बेनकाब करने की मुहिम
इस बीच, भारत ने भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन देने वाले देश के रूप में उजागर करने की मुहिम तेज कर दी है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोपीय संघ की विदेश मंत्री काजा कल्लस से बातचीत कर पाकिस्तान की भूमिका और आतंकवाद को समर्थन देने की उसकी नीति पर प्रकाश डाला। भारत ने पश्चिमी देशों से स्पष्ट समर्थन की अपेक्षा जताई है।
व्यापक रणनीति से जवाब दे रहा भारत
भारत अब केवल सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक, कूटनीतिक और नीतिगत स्तर पर भी पाकिस्तान को जवाब दे रहा है। सिंधु जल संधि की समीक्षा, पाकिस्तान से आयात पर प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रियता – ये सब संकेत हैं कि भारत अब बहुआयामी रणनीति के तहत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहा है।
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