New Delhi, 22 अक्टूबर . पूर्वोत्तर India में संचालित एक श्रृंखलाबद्ध और समन्वित आतंक-रोधी अभियानों में असम राइफल्स ने हाल के सप्ताहों में उग्रवादी संगठनों उल्फा (आई) और एनएससीएन–के (वाईए) द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के अनेक प्रयासों को विफल किया है. सटीक योजना, सक्रिय तैनाती ग्रिड और प्रभावी खुफिया समन्वय के माध्यम से सुरक्षा बलों ने अपने इस अभियान में उत्कृष्ट परिचालन तैयारी और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया.
जानकारी के मुताबिक, 16 अक्टूबर को एनएससीएन–के (वाईए) के उग्रवादियों ने दक्षिण अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के हेडमैन कैंप पर हमला करने का प्रयास किया, जिसे असम राइफल्स के त्वरित और प्रभावी प्रत्युत्तर से नाकाम कर दिया गया. इसके अगले दिन, 17 अक्टूबर को उल्फा (आई) ने असम के काकोपाथार कैंप पर इसी तरह का हमला करने की कोशिश की.
सतर्क जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए एक उग्रवादी को मार गिराया और एक ओवर ग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया जो साजिश में शामिल था. इसके बाद असम राइफल्स ने अपने अभियान तेज कर दिए और आधुनिक निगरानी उपकरणों, ड्रोन तथा खुफिया-आधारित हाई-टेक टीमों से समर्थित एक व्यापक आतंक-रोधी ग्रिड सक्रिय किया.
इसी सघन अभियान के तहत 21 अक्टूबर को दक्षिण अरुणाचल प्रदेश के नामसाई के पास एक सफल कार्रवाई की गई, जिसमें एक उल्फा (आई) का कैडर मारा गया और हथियारों सहित युद्ध सामग्री बरामद की गई. इन तेज, सटीक और समन्वित कार्रवाइयों ने न केवल उग्रवादियों की नापाक योजनाओं को विफल किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों की मनोवैज्ञानिक और रणनीतिक बढ़त को भी पुन स्थापित किया है.
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अब उग्रवादी संगठन भागने पर मजबूर हैं, उनके नेटवर्क ध्वस्त हो चुके हैं और नेतृत्व पर दबाव बढ़ गया है. असम राइफल्स की अडिग भूमिका, पेशेवर योजना और दृढ़ निष्पादन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वे पूर्वोत्तर India में शांति और स्थिरता के सच्चे रक्षक, ‘सेंटिनल्स ऑफ द नॉर्थ ईस्ट’ हैं.
उग्रवादी वारदातों को नाकाम करने के बाद सशस्त्र बल अभी भी पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. इसके साथ ही तमाम सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल भी किया जा रहा है. रक्षा विशेषज्ञ इसे सुरक्षा बलों की एक बड़ी कामयाबी बताते हैं. उनके मुताबिक उग्रवादी संगठनों को लगातार मिलती नाकामी व सैन्य ऑपरेशन की सफलता क्षेत्र में शांति कायम करने में बड़ी भूमिका निभा रही है.
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जीसीबी/डीकेपी
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