New Delhi, 24 सितंबर . बंगाली सिनेमा ने हमेशा ही अपनी मौलिकता से एक अलग पहचान बनाई है. यहां ऐसी अद्भुत प्रतिभाएं सामने आईं, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता से सिर्फ़ पारंपरिक सीमाओं को ही नहीं तोड़ा, बल्कि साहित्य और रंगमंच को भी एक नया आयाम दिया. इसी कड़ी में, साहित्य अकादमी पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजे गए, Actor, निर्देशक, नाटककार और राजनीतिज्ञ ब्रात्य बसु का नाम ख़ास तौर पर लिया जाता है.
ब्रात्य बसु की गिनती बंगाली थिएटर के प्रमुख स्तंभों में होती है. उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से पारंपरिक सीमाओं को तोड़ते हुए नई जमीन तैयार की है. उनके नाटकों के प्रमुख विषयों में Political कल्पना, प्रकृति और मानव के संबंध, संगीत और जीवन का जुड़ाव, प्रेम और विद्रोह का संघर्ष तथा समय और संस्कृति का बंधन शामिल हैं. 2021 में उन्हें उनके बंगाली थिएटर संग्रह ‘मीर जाफर ओ अन्य नाटक’ (जिसमें तीन नाटक – मीर जाफर, एक दिन आलादीन और अमि अनुकुलदा आर ओर) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
25 सितंबर 1969 को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जन्मे बसु ने कोलकाता के सिटी कॉलेज में बंगाली विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में अपना करियर शुरू किया. शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है और वे एक प्रोफेसर के रूप में भी सक्रिय रहे हैं. हालांकि, उन्होंने नाटककार, मंच निर्देशक, Actor, फिल्म निर्देशक और राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी पहचान बनाई.
ब्रात्य बसु ने न केवल मंच और फिल्मों के माध्यम से समकालीन मुद्दों को उठाया, बल्कि पश्चिम बंगाल की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी योगदान दिया. वे एक ऐसे कलाकार हैं जो Political कल्पना, प्रकृति-मानव संबंध, संगीत और नैतिक मूल्यों जैसे विषयों को अपनी रचनाओं में बुना करते हैं. ब्रात्य बसु ने बंगाली सिनेमा में अभिनय, लेखन और निर्देशन में भी योगदान दिया.
फिल्मों और नाटकों के अलावा उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया. ब्रात्य बसु ने टीएमसी का दामन थामा और साल 2011 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वे ‘दम-दम निर्वाचन क्षेत्र’ से विधायक चुने गए. ममता बनर्जी की पहली Government में वे शिक्षा मंत्री रहे और 2021 से दूसरी Government में भी इस पद पर आसीन हैं. उनका Political योगदान शिक्षा सुधारों पर केंद्रित रहा है.
ब्रात्य बसु एक ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो कला, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं. उनके नाटक और फिल्में सामाजिक बदलाव के लिए प्रेरित करती हैं, जबकि उनकी Political भूमिका पश्चिम बंगाल की शिक्षा और संस्कृति को समृद्ध कर रही है.
–
एफएम/
You may also like
ये है वो अकेला AI Skill, सीख लिया तो घर चलकर आएगी नौकरी! जानिए क्यों माना जाता है भविष्य का स्किल
WATCH: Nitish Kumar Reddy ने हवा में तैरते हुए पकड़ा बवाल कैच, 1 एक सेकेंड से भी कम था रिएक्शन टाइम
OMG! 2 पोते-पोतियों की दादी बहु के गहने लेकर अपने प्रेमी के साथ हुई फरार, पूरा मामला जानकर उड़ जाएंगे होश
job news 2025: अप्रेंटिसशिप के पदों पर निकली हैं रेलवे में भर्ती, इस तारीख तक करना होगा आवेदन
50 हजार का इनामी बदमाश पुलिस मुठभेड़ में घायल