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पार्श्व बालासन तनाव और थकान से राहत में कारगर, जानें योगासन का सही तरीका

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New Delhi, 10 अक्टूबर . आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव और थकान आम समस्याएं बन गई हैं. ऐसे में योग एक ऐसा साधन है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है. इनमें से एक प्रभावी योगासन है ‘पार्श्व बालासन’, जिसे ‘थ्रेड द नीडल’ पोज के नाम से भी जाना जाता है.

यह आसन रीढ़, कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से को आराम देता है, साथ ही कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.

आयुष मंत्रालय के अनुसार, पार्श्व बालासन तनाव, चिंता और थकान को कम करने में मददगार है. यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है. इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है और अनिद्रा की समस्या से राहत मिलती है. साथ ही शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

यह योगासन खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं और कंधों या पीठ में जकड़न महसूस करते हैं.

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर घुटनों के बल बैठें. अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाएं. अब धीरे-धीरे शरीर को आगे की ओर झुकाएं और माथे को जमीन पर स्पर्श कराएं.

दोनों हाथों को सामने की ओर फैलाएं या शरीर के साथ आराम से रखें. इस मुद्रा में गहरी और लंबी सांस लें. 30 सेकंड से 1 मिनट तक इस अवस्था में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं.

हालांकि यह आसन अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन गर्भवती महिलाओं और घुटने या पीठ की गंभीर समस्या वाले लोगों को इसे करने से पहले योग विशेषज्ञ या चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. इसे खाली पेट या भोजन के 2-3 घंटे बाद करना सबसे उत्तम माना जाता है.

पार्श्व बालासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है. इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप तनावमुक्त और ऊर्जावान जीवन जी सकते हैं. योग विशेषज्ञों की मानें तो नियमित अभ्यास से इसके लाभ और भी बढ़ जाते हैं.

एनएस/वीसी

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