भोपाल, 12 मई . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि ‘सिंहस्थ 2028’ की तैयारी में साधु-संत और श्रद्धालुओं की भावनाओं को सर्वोपरि रखकर कार्य योजना को पूर्ण किया जाए. मुख्यमंत्री ‘सिंहस्थ 2028’ के प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा करते हुए उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन कलेक्टर कार्यालय सभागृह में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कार्य योजना की जानकारी लेकर कहा कि सभी कार्य समय-सीमा में गुणवत्ता और मापदंडों के अनुसार हों. सभी कार्यों में निर्माण एजेंसियां समन्वय बनाकर कार्य करें, जिससे श्रद्धालुओं को ‘सिंहस्थ 2028’ का अनुभव आस्थामय, भव्य और अलौकिक हो. सिंहस्थ निर्माण कार्यों में शहर के आसपास सड़कों का जाल बिछाकर यातायात सुगम किया जा रहा है. श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए संपूर्ण मेला क्षेत्र की कनेक्टिविटी 4 लेन और 6 लेन मार्गों से की जा रही है. ‘सिंहस्थ 2028’ के लिए किए जा रहे आवश्यक मार्ग चौड़ीकरण के कार्यों में सभी गणमान्य नागरिकों का भी विशेष ध्यान रखते हुए कार्य करें. आवश्यक मार्गों पर एलिवेटेड ब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे नीचे व्यापार प्रभावित न हो और ट्रैफिक भी सुचारू रूप से चल सके.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए कि सभी सिंहस्थ कार्यों की मॉनिटरिंग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर करें, जिससे कार्य की भौतिक प्रगति के साथ कार्य की गुणवत्ता का आंकलन भी हो सके. ‘सिंहस्थ 2028’ अंतर्गत रेलवे से समन्वय बनाकर शासन के सभी आवश्यक विभाग इंटीग्रेटेड कार्य योजना बनाई जाए, जिससे श्रद्धालुओं का आवागमन सुव्यवस्थित रूप से हो सके.
उन्होंने केंद्रीय मदद की आवश्यकता होने पर केंद्र सरकार से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कार्यों की सूची बनाने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मेले में आर्मी भी मौजूद रहेगी. सभी मुख्य देव-स्थानों को जल्द ही देवलोक के रूप में विकसित करने की कार्य योजना बनाए. उज्जैन में न्यायपालिका द्वारा भी न्यायिक संस्था शुरू की जाएगी. उन्होंने इसके लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए.
मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज निर्माण की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जिले को मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने के लिए योगा, वेलनेस, नेचुरोपैथी, एलोपैथी और आयुर्वेद के केंद्रों के साथ मेडिकल डिवाइस उद्योग, फार्मा कंपनियों और मेडिकल रिसर्च संस्थाओं को साथ लेकर एकीकृत कार्ययोजना तैयार करें. नगर निगम और अन्य संस्थाएं भी अपने मद से किए जाने वाले शहर के कार्य निरंतर करें.
उन्होंने कहा कि मालवा क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा.
बैठक में संभागायुक्त संजय गुप्ता, सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह और कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने जानकारी दी कि सिंहस्थ कार्ययोजना में अब तक 153 कार्य स्वीकृत और प्रगतिरत हैं, जिनकी लागत 23,332 करोड़ रुपए है, जिसमें सिंहस्थ मद से 3,728 करोड़ के 78 कार्य और विभागीय मद से 19,604 करोड़ के कार्य हैं. अब तक 27 कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, 94 कार्य निविदा प्रक्रियाधीन हैं और 32 कार्य प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन हैं.
उक्त कार्यों में भवन विकास निगम द्वारा मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज का निर्माण 592.3 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. अब तक 4.5 प्रतिशत भौतिक कार्य पूर्ण हो चुका है. जल संसाधन विभाग के 778.91 करोड़ की लागत राशि से घाट निर्माण संबद्ध कार्य, 920 करोड़ की लागत का कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना में 31.70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. साथ ही 614.53 करोड़ की सेवरखेडी-सिलारखेड़ी परियोजना में 23.60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है.
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एबीएम/डीएससी
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