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झारखंड के मंत्री हफीजुल नए विवाद में फंसे, भाजपा ने लगाया 'फर्जी विश्वविद्यालय' से मानद डॉक्टरेट लेने का आरोप

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रांची, 28 अप्रैल . झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी एक नए विवाद में फंस गए हैं. उन पर फर्जी विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि (पीएचडी) लेने का आरोप लगा है.

भारतीय जनता पार्टी ने मंत्री को मानद उपाधि देने वाले “भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशन यूनिवर्सिटी” से संबंधित कई दस्तावेज जारी करते हुए दावा किया है कि इस संस्था को न तो विश्वविद्यालय शब्द का प्रयोग करने का अधिकार है और न ही इसे किसी प्रकार की शैक्षणिक उपाधि प्रदान करने की मान्यता प्राप्त है.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मंत्री हफीजुल हसन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक “विश्वविद्यालय” से पीएचडी की उपाधि हासिल करने की खबर और तस्वीर साझा की है. भारतीय जनता पार्टी ने इसकी जांच की तो यह सच्चाई उजागर हुई है कि उन्होंने जिस “विश्वविद्यालय” से यह डिग्री ली है, वह पूरी तरह कागजी संस्था है.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह संस्था मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की ओर से संचालित की जाती है और इसका कोई वैधानिक अस्तित्व नहीं है. यूजीसी एक्ट 1956 के सेक्शन 22 में विश्वविद्यालय शब्द को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है. “भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशन यूनिवर्सिटी” को न तो यूजीसी ने मान्यता दी है, न ही भारत सरकार और झारखंड सरकार ने. यह विश्वविद्यालय “सेंट्रल क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी, अफ्रीका” से अपनी संबद्धता बताता है, जबकि गहन जांच में पता चला कि यह दावा भी फर्जी है. जो लोग इस संस्था को चलाते हैं, उनका सोशल मीडिया प्रोफाइल खंगालने से पता चला है कि वे फर्जी डिग्रियां बांटने के धंधे में लिप्त हैं.

अजय साह ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और फर्जी विश्वविद्यालय को प्रोत्साहित करने पर कार्रवाई की मांग की है.

उल्लेखनीय है कि मंत्री हफीजुल हसन ने 26 अप्रैल को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पीएचडी की मानद उपाधि प्राप्त करने की सूचना साझा करते हुए लिखा था, “आज भारत वर्चुअल ओपन एजुकेशन यूनिवर्सिटी के कन्वोकेशन समारोह में मुझे सामाजिक क्षेत्र में जनहित के कार्यों के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि (पीएचडी) से सम्मानित किया गया. यह मेरे लिए, मेरे परिवार और मेरे क्षेत्रवासियों के लिए गर्व का पल है.”

उन्होंने लिखा था कि वह राज्य के लोगों की सेवा और राज्य के विकास के लिए पहले से अधिक दृढ़ता से काम करते रहेंगे. उन्होंने झारखंड को प्रगति के नए मुकाम तक ले जाने का वादा किया था.

एसएनसी/एकेजे

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