Patna, 20 सितंबर . बिहार Government के शिक्षा विभाग ने कॉर्पोरेट सेक्टर और एनजीओ के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इस एमओयू का उद्देश्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड का उपयोग कर स्कूलों में कंप्यूटर लर्निंग, हेल्थ सेंटर और अन्य सुविधाओं को मजबूत करना है. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने Saturday को बताया कि शिक्षा समाज बदलने का सबसे बड़ा माध्यम है और इसके लिए बजट का सबसे बड़ा हिस्सा आवंटित किया जाता है.
Chief Minister नीतीश कुमार ने 2005 से शिक्षा विभाग को प्राथमिकता दी है. उनके कार्यकाल में लाखों शिक्षकों की भर्तियां हुईं, स्कूलों की संख्या बढ़ी और बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया. लेकिन अब विभाग के अलावा निजी क्षेत्र की मदद से सीएसआर फंड का उपयोग किया जाएगा. इससे बच्चों को आधुनिक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया, “शिक्षा विभाग समाज को बदलने में सबसे बड़ा सहायक होता है. शिक्षा पर बजट भी सबसे ज्यादा है. लाखों शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं, स्कूलों में भी बढ़ोतरी हुई. सारी चीजें अपनी जगह पर हैं, लेकिन हमारी सोच है कि विभाग के अलावा कॉर्पोरेट सेक्टर या एनजीओ की मदद से सीएसआर में जो फंड है, कंप्यूटर लर्निंग में, हेल्थ सेंटर में सभी काम आएंगे. इसलिए एमओयू साइन किया गया है ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके, विशेष तौर पर छात्राओं का. भविष्य में इसका बेहतर प्रभाव देखने को मिलेगा.”
बिहार में अब तक बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से ढाई लाख से ज्यादा शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों की नियुक्तियां हो चुकी हैं. टीईटी-4 के तहत करीब 3.45 लाख भर्तियां पूरी हो चुकी हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा, “अब तक बीपीएससी के द्वारा ढाई लाख से ज्यादा शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों, और प्रधान शिक्षकों की करीब-करीब 3.45 लाख नियुक्तियां हो चुकी हैं. आवश्यकता के अनुसार इस विषय में क्या जरूरत है, उसके अनुसार हम लोग वैकेंसी निकालते हैं. टीईटी-4 के बाद टीईटी-5 भी आएगा. शिक्षा विभाग में जो नियुक्तियां हुई हैं, भविष्य में भी होंगी. जो भी उनकी मांग है, विचार करेंगे. नीतीश कुमार की Government में बिहार के अंदर युवतियों को विभिन्न विभागों में 10 लाख नौकरियां मिली हैं.”
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एससीएच
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