अच्छी सेहत के लिए हेल्दी भोजन के साथ-साथ उसे पकाने का तरीका भी सही होना चाहिए. अगर आप खाने को गलत धातू के बर्तन में बनाते हैं या फिर खाते हैं तो इससे आपकी सेहत पर असर पड़ सकता है. जैसे प्लास्टिक के बर्तन में खाना खाना बेहद हानिकारक माना जाता है. प्लास्टिक के अलावा एल्यूमिनियम के बर्तन में खाना बनाने से आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. आइए जानते हैं किस बर्तन में खाना बनाना फायदेमंद होता है.
एल्यूमिनियम के बर्तन में खाना
अधिकतर घरों में एल्यूमिनियम के बर्तन खाना बनता है, क्योंकि ये हीट का अच्छा कंडक्टर है. इसमें खाना तेजी से बनाया जा सकता है. एल्यूमिनियम बॉक्साइट का बना होता है. आयुर्वेद के अनुसार यह बर्तन आयरन और कैल्शियम को सोख लेता है. एल्यूमिनियम के बर्तन पके भोजन का सेवन करने से हड्डियां कमजोर होती है. इसके अलावा लीवर और नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ता है. एल्यूमिनियम से बने प्रेशर कुकर में बने खाने के पोषक तत्व कम हो जाते हैं.
कौन सा मेटल है बेस्ट
अधिकतर लोग एल्यूमिनियम के बर्तन में खाना पकाते हैं इस लेख को पढ़ आपके जेहन में सवाल आ रहा होगा कि अगर एल्यूमिनियम नहीं तो कौन सा मेटल खाना पकाने के लिए बेस्ट है.
पीतल का बर्तन
पीतल के बर्तन में खाना बनाना सेहत के लिए अच्छा होता है. पीतल के बर्तनों में बनाया हुआ खाना आपकी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है. पीतल के बर्तन में पके हुए भोजन में जिंक की मात्रा अधिक होती है जो कि ब्लड काउंट को बढ़ाने में मददगार होता है.
सांस संबंधी बीमारियां
पीतल के बर्तन में खाना बनाने या पकाने से सांस से संबंधी बीमारियां ठीक होती है. जिन लोगों को अस्थमा की परेशानी हैं वह पीतल के बर्तन में खाना बनाकर खा सकते हैं.
इम्यूनिटी
पीतल के बर्तन में ना केवल खाना पकाना बल्कि खाने का सेवन करना भी फायदेमंद होता है. पीतल के गिलास में रातभर पानी रख लें. अगले दिन सुबह इस पानी का सेवन करें. खाली पेट पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी.
पीतल के बर्तन ना पकाएं ये चीजें
पीतल के बर्तनों की सतह पर लंबे समय बाद ऑक्साइड की लेयर बन जाती है जो कि एसिडिक चीजें जैसे टमाटर, विनेगर और नींबू के साथ रिएक्शन करते हैं. कहा जाता है कि पीतल के बर्तनों में एसिडिक चीजों को नहीं पकाना चाहिए.
You may also like

रेलवे मनाएगा स्टेशनों के शताब्दी समारोह : बीकानेर स्टेशन महोत्सव सात से

भारत की वर्ल्ड कप जीत से प्रेरणा : अवादा फ़ाउंडेशन बना सारथी

मुंबई में जल्द दौड़ेगी हाइटेक मोनोरेल, सीबीटीसी सिग्नलिंग परीक्षण से पहचानी गईं खामियां

'नाम बड़े, दर्शन छोटे': राष्ट्रीय दल के मानदंडों से दूर, बिहार की क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्षों पर टिकी सियासी पहचान

'100 साल के इंतजार के बाद लौट आई काल त्रिघोरी,' रिलीज हुआ अरबाज खान की हॉरर फिल्म का ट्रेलर




