वर्तमान में, भूमि की कीमतों में निरंतर वृद्धि के चलते, लोग अधिक से अधिक भूमि में निवेश करने का विकल्प चुन रहे हैं। यह निवेश हमेशा से सुरक्षित और लाभकारी माना गया है। चाहे शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण, हर जगह भूमि की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक अवसर बन गया है।
धरती की सबसे महंगी भूमि की कहानी
दुनिया की सबसे महंगी भूमि की कहानी गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह से जुड़ी हुई है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब इन साहिबजादों ने इस्लाम स्वीकार करने से इनकार किया, तो मुगलों ने इन्हें दीवार में चिनवा दिया। बाद में, राजा टोडरमल ने मुगलों से 4 गज भूमि खरीदने का निर्णय लिया, जिसके लिए उन्होंने 78,000 सोने के सिक्के दिए। आज, इन सिक्कों की कीमत लगभग 4 अरब रुपये आंकी जाती है, जिससे यह भूमि दुनिया की सबसे महंगी मानी जाती है।
दुनिया में भूमि की बिक्री की ऊंचाई
भूमि की कीमतों में वृद्धि केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी देखी जा रही है। उदाहरण के लिए, 2021 में हॉन्गकॉन्ग में 1.25 एकड़ का एक प्लॉट 935 मिलियन डॉलर में बेचा गया था, जो उस समय का सबसे महंगा प्लॉट था। इस बिक्री ने यह साबित कर दिया कि कई स्थानों पर भूमि की कीमतें असाधारण रूप से बढ़ चुकी हैं, जिससे आम आदमी के लिए भूमि खरीदना कठिन होता जा रहा है।
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