ग्रेटर नोएडा: यमुना सिटी में विकसित हो रहे मेडिकल डिवाइस पार्क (MDP) में निवेशकों ने रुचि दिखाई है। हालांकि, निवेश करने से पहले उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण शर्तें रखी हैं। हाल ही में दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में, कई चिकित्सा उपकरण निर्माण कंपनियों ने MDP में निवेश के संबंध में सुझाव और मांगें प्रस्तुत कीं।
श्रेणियों की संख्या बढ़ाने की मांग
वर्तमान में, मेडिकल डिवाइस पार्क (MDP) के विकास के लिए 5 उद्योग श्रेणियों का निर्धारण किया गया है। कंपनियों ने मांग की है कि इसे बढ़ाकर 10 श्रेणियां की जाएं। इससे धीरे-धीरे अधिक चिकित्सा उपकरण निर्माता इस परियोजना का हिस्सा बन सकेंगे।
लाइसेंसिंग सुविधा का होना आवश्यक
उद्योगपतियों ने यह भी सुझाव दिया है कि MDP परिसर में लाइसेंसिंग और ISO प्रमाणन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। इससे खर्चों और यात्रा के समय में कमी आएगी।
कच्चे माल पर शुल्क में छूट की मांग
उद्योगपतियों ने मांग की है कि चिकित्सा उपकरण निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल पर लगाए गए शुल्क में छूट या सब्सिडी दी जाए। इससे लागत में कमी आएगी और निवेश आकर्षक बनेगा।
ब्रांड अनुमोदन में देरी न हो
एक और महत्वपूर्ण मांग यह है कि चिकित्सा उपकरण उत्पादों के ब्रांड अनुमोदन की प्रक्रिया को तेज किया जाए। कंपनियों ने चिंता व्यक्त की है कि अनुमोदन में देरी से वित्तीय नुकसान होगा क्योंकि उत्पाद समय पर बाजार में नहीं पहुंच पाएंगे।
YEIDA CEO का बयान
YEIDA के CEO राकेश कुमार सिंह ने सभी मांगों का जवाब देते हुए कहा कि वह इन्हें BOM के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मेडिकल डिवाइस पार्क विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगा।
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