अभिषेक शर्मा की तूफ़ानी बल्लेबाज़ी की बदौलत बीती रात आईपीएल 2025 में हैदराबाद ने लखनऊ को प्लेऑफ़ की रेस से नॉकआउट कर दिया.
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेले गए इस मुक़ाबले में हैदराबाद ने रिकॉर्ड 206 रनों को सफलतापूर्वक चेज़ किया तो इसमें सबसे बड़ा किरदार अभिषेक शर्मा का रहा.
लेकिन अभिषेक शर्मा की बल्लेबाज़ी से कहीं ज़्यादा चर्चा उनके आउट होने पर दिग्वेश राठी के 'नोटबुक सिग्नेचर' वाले जश्न और उसके बाद जो कुछ मैदान पर हुआ, उसकी हुई.
दरअसल, मैच के सातवें ओवर में अभिषेक शर्मा ने रवि बिश्नोई की लगातार चार गेंदों पर चार छक्के जमाने का कारनामा किया.
एक लॉन्ग ऑन, दूसरा लॉन्ग ऑफ़, तीसरा स्ट्रेट ड्राइव और चौथा लेग साइड बाउंड्री पर और केवल 18 गेंदों पर फ़िफ़्टी भी पूरी कर ली.
20 से कम गेंदों पर अभिषेक ने चौथी बार फ़िफ़्टी जमाई और आईपीएल में ऐसा करने वाले एकमात्र क्रिकेटर निकोलस पूरन के रिकॉर्ड की बराबरी की.

अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी से अभिषेक ने स्कोर केवल 7.2 ओवर में ही 99 रन पर पहुंचा दिया लेकिन तभी वो दिग्वेश राठी की गेंद पर आउट हो गए.
अभिषेक ने राठी की गेंद पर आगे निकल कर एक्सट्रा कवर के ऊपर से शॉट लगाने की कोशिश की लेकिन शार्दुल ठाकुर को कैच थमा बैठे.
दिग्वेश राठी ने अपना सिग्नेचर वाला सेलिब्रेशन किया और साथ ही आक्रामक अंदाज में हाथ के इशारे से अभिषेक को बाहर जाने का इशारा भी किया.
आउट होने से निराश शायद पसंद नहीं आया और उन्होंने इसका विरोध किया.
अंपायरों और बाक़ी खिलाड़ियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति संभली.
यह वाकया तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और तरह-तरह के कमेंट आने लगे.
हालांकि मैच के बाद बीबीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और लखनऊ के असिस्टेंट कोच विजय दहिया अभिषेक शर्मा और दिग्वेश राठी से बात करते दिखे.
फिर और हाथ मिलाते भी दिखे.

दिग्वेश राठी ने इसी सीज़न में लखनऊ के लिए डेब्यू किया है और वो विकेट लेने के बाद अपना सिग्नेचर स्टाइल 'नोटबुक सेलिब्रेशन' करते हैं.
शुरुआती दो मैचों में वो नमन धीर (मुंबई इंडियंस) और प्रियांश आर्य (पंजाब किंग्स) का विकेट लेने के बाद हाथ पर कुछ लिखने का इशारा करते हुए नज़र आए तो सुनील नारायण (कोलकाता नाइट राइडर्स) को आउट करने के बाद ज़मीन पर कुछ लिखते दिखे.
इन तीनों ही मौक़े पर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए आईपीएल की आचार संहिता का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया गया.
उनकी मैच फ़ीस काटी गई, डिमेरिट पॉइंट दिए गए लेकिन बीती रात को जो उन्होंने किया उसकी अनदेखी शायद मुश्किल हो.

आते हैं वापस बीती रात के मैच पर. अभिषेक शर्मा ने पिछले सीज़न में भी लखनऊ के ख़िलाफ़ ऐसे ही 28 गेंदों पर ताबड़तोड़ 75 रन बनाए थे और हैदराबाद ने सिर्फ़ 9.1 ओवर में 166 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए रिकॉर्ड जीत हासिल की थी.
अभिषेक इस पारी में आउट हो गए लेकिन उससे पहले ही उन्होंने जीत का रुख़ हैदराबाद की ओर मोड़ दिया, जिसे ईशान किशन (35 रन) और हेनरिक क्लासेन (47 रन) ने बखूबी अंजाम दे दिया.
लखनऊ के इकाना स्टेडियम में 206 रन चेज़ करके हैदराबाद ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया. इससे पहले इस मैदान पर कोई भी टीम 200 से ऊपर का स्कोर चेज़ नहीं कर सकी थी.
लखनऊ की बल्लेबाज़ी के दौरान जब मिचेल मार्श और एडन मारक्रम मैदान में चारों तरफ़ रन बरसा रहे थे और शुरुआती 9 ओवरों में 100 रन जोड़ चुके थे तो लगा था कि लखनऊ की टीम 230 से अधिक का स्कोर खड़ा करेगी. पर कप्तान पंत समेत मध्यक्रम का लचर प्रदर्शन जारी रहा.
लगातार बॉलिंग में बदलाव करते पैट कमिंस और श्रीलंकाई गेंदबाज़ एशान मलिंगा की कसी हुई गेंदबाज़ी के बीच अगले नौ ओवरों के दौरान लखनऊ के बल्लेबाज़ केवल 70 रन ही जुटा सके और उसके चार बल्लेबाज़ भी आउट हुए.
इस दौरान विदेशी बल्लेबाज़ों पर लखनऊ की अत्यधिक निर्भरता की कमज़ोरी भी उजागर हुई.
अंतिम दो ओवरों में अगर पूरन के 17 रन और एक्स्ट्रा (वाइड, नो बॉल) से 6 रन न आए होते तो 200 रन मुश्किल दिख रहे थे.

लखनऊ की टीम कप्तान ऋषभ पंत (7 रन) के ख़राब फ़ॉर्म और गेंदबाज़ी में पैनेपन की कमी से इस मैच में भी जूझती दिखी.
पंत का फ़ॉर्म इस कदर रुठा हुआ है कि चेन्नई के ख़िलाफ़ 63, गुजरात के ख़िलाफ़ 21 और पंजाब के ख़िलाफ़ 18 रन को अगर हटा दें तो बाकी के 8 मैचों में उन्होंने केवल 33 रन बनाए हैं.
इस सीज़न में पंत केवल 135 गेंदें ही खेल सके हैं और कुल इतने ही रन उनके बल्ले से निकले हैं.
पंत केवल अपने फ़ॉर्म से ही नहीं जूझ रहे हैं. उन्हें अपने टीम के गेंदबाज़ों के अनियमित प्रदर्शन से भी जूझना पड़ रहा है. एक तो चोट की वजह से लखनऊ का बॉलिंग लाइनअप चरमरा गया है, दूसरा मौजूदा प्रमुख गेंदबाज़ आवेश ख़ान, रवि बिश्नोई, शार्दुल ठाकुर के प्रदर्शन में एकरूपता नहीं है.
इस मुक़ाबले में बिश्नोई के एक ओवर में 26 रन बने तो डेब्यू कर रहे न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ विलियम ओरूर्क 13.28 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की. अभिषेक शर्मा की तूफ़ानी बल्लेबाज़ी से परेशान पंत ने सात गेंदबाज़ों को आजमाया.
गेंदबाज़ों से कप्तान पंत को हो रही निराशा मैच के बाद उनके बात में भी झलकी.
मैच के बाद पंत बोले, "इंजरी की वजह से कुछ नए खिलाड़ियों को टीम में लाना पड़ा पर वो खालीपन भरना मुश्किल होता गया. नीलामी में जैसी योजना बनाई थी, अगर हमारे पास वही गेंदबाज़ी होती, तो कहानी कुछ और होती."
भले ही दिग्वेश राठी अपने सिग्नेचर स्टाइल से विवादों में हैं पर पंत के लिए वो एक सौगात के रूप में टीम में आए हैं. उनकी गेंदबाज़ी लगातार चर्चा में है और इस मैच में भी उन्होंने बढ़िया प्रदर्शन किया.
वो इस टूर्नामेंट में लखनऊ के लिए सबसे अधिक बल्लेबाज़ों को (14 विकेट) आउट कर चुके हैं, तो इस मुक़ाबले में भी अभिषेक वर्मा और ईशान किशन को पवेलियन लौटाए.
ख़ुद पंत भी मानते हैं कि राठी उनकी टीम के लिए एक अच्छा संकेत हैं.
मैच के बाद उन्होंने कहा, "राठी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. ये उनका पहला सीज़न है. उन्होंने जैसी गेंदबाज़ी की वो देखने लायक थी. राठी हमारे लिए एक सकारात्मक संकेत हैं."
बेशक बल्लेबाज़ के तौर पर ऋषभ के लिए यह भूल जाने वाला सीज़न रहा हो लेकिन कमज़ोर गेंदबाज़ी के बाद भी पंत की टीम ने गुजरात, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और राजस्थान को हराया भी है.
लखनऊ प्लेऑफ़ की रेस से बाहर हो चुका है. अब केवल मुंबई और दिल्ली की टीमें बची हैं और इन दोनों के बीच बुधवार को वानखेड़े में मुक़ाबला होना है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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