पहलगाम आतंकी हमले के कारण उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लाइन परियोजना के तहत बनिहाल से कटरा तक ट्रेन संचालन शुरू होने में देरी हो गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, स्थिति सामान्य होने तक इस ड्रीम प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है। घाटी को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए ढाई दशक पहले शुरू की गई श्रीनगर-जम्मू-उधमपुर रेल परियोजना का काम पूरा हो चुका है। फिलहाल श्रीनगर से संगलदान तक रेल सेवा उपलब्ध है, बनिहाल से कटरा तक 111 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का उद्घाटन इसी महीने प्रस्तावित था।
राजस्थानियों को इस तरह होगा फायदा
राजस्थान के लोगों को भी इस ट्रेन का इंतजार था। राजस्थान से बड़ी संख्या में लोग कश्मीर जाते हैं। इसके अलावा कश्मीर क्षेत्र में राजस्थान से बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं। अगर यह ट्रेन चलती तो राजस्थान से कश्मीर जाने वालों को फायदा होता। वैष्णो देवी के दर्शन के बाद यह कश्मीर पर्यटन को जोड़ने का अच्छा माध्यम बन जाती। राजस्थान में मई में गर्मी की छुट्टियां भी शुरू हो रही हैं। कई लोगों ने वैष्णो देवी के रास्ते कश्मीर जाने की योजना बनाई थी। लेकिन रेलवे लाइन का उद्घाटन न होने के कारण इस बार गर्मी की छुट्टियों में यह लाभ नहीं मिल पाएगा।
सुरक्षा कड़ी, हर जगह चौकसी बढ़ाई गई
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने रेलवे लाइन की सुरक्षा और कड़ी कर दी है। ऐतिहासिक पुलों, सुरंगों और चिनाब व अंजी ब्रिज जैसे अन्य स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। रेलवे लाइन में 13 किलोमीटर लंबाई की 38 सुरंगों और 931 पुलों की सुरक्षा चुनौतीपूर्ण कार्य है। सूत्रों का कहना है कि अब यहां 4 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जा रहा है।
कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी जारी
रेलवे ने कश्मीर में तैनात अपने गैर कश्मीरी कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्हें अकेले बाहर जाने से मना किया गया है। फिलहाल उद्घाटन की तिथि तय नहीं: पीएम नरेंद्र मोदी को 19 अप्रैल को उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन का उद्घाटन करना था, लेकिन खराब मौसम के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। रेलवे सूत्रों ने बताया कि उद्घाटन कार्यक्रम के लिए अभी कोई तिथि तय नहीं की गई है।
सबसे लंबी सुरंग और सबसे ऊंचा पुल
कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन का 111 किलोमीटर का क्षेत्र दुर्गम हिमालयी भूभाग और गहरी नदी घाटियों से घिरा हुआ है। इसमें 27 मुख्य सुरंगें और 8 एस्केप सुरंगें हैं। भारत की सबसे लंबी 12.75 किलोमीटर लंबी सुरंग सुंबर-अर्पिंचला और चिनाब नदी पर सबसे ऊंचा पुल भी इसी लाइन पर स्थित है। दुर्गम क्षेत्र होने के कारण इनकी सुरक्षा बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसलिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
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