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राजस्थान के इस जिले में 90 हजार लोगों को सरकार ने दिया बड़ा झटका! नहीं मिलेगा फ्री गेहूं, जानिए क्या है कारण ?

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लंबे समय से अवैध रूप से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) का लाभ ले रहे कई परिवारों के खिलाफ अब विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें योजना की सूची से हटा दिया है। जिले में पिछले साल एक नवंबर से अब तक विभाग 96 हजार से अधिक अपात्र लोगों को योजना की सूची से हटा चुका है। इनमें 7608 ऐसे सदस्य भी शामिल हैं, जिन्होंने विभागीय कार्रवाई के डर से स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़ दिया है। रसद विभाग के सूत्रों के अनुसार विभाग ने पिछले साल 3 दिसंबर से जिले में जीआईपीयूपी अभियान शुरू किया था। 

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से शुरू किए गए जीआईपीयूपी अभियान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे सक्षम व्यक्तियों से स्वेच्छा से नाम हटाने को कहा गया था। साथ ही अभियान के तहत सक्षम व्यक्तियों (परिवारों) द्वारा नाम नहीं हटाने पर कार्रवाई की चेतावनी भी विभाग ने दी थी। अभियान का उद्देश्य अपात्र व्यक्तियों की पहचान कर सभी पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ दिलाना है। अभियान के तहत आयकर दाता, चार पहिया वाहन धारक अपना नाम योजना से हटवा सकते हैं। पहले अभियान की तिथि 31 मार्च तय की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि इस अवधि तक नाम नहीं हटवाने वाले अपात्र या सक्षम व्यक्तियों से उनके द्वारा लिए गए खाद्यान्न का बाजार दर पर भुगतान लिया जाएगा।

जिले में राशन कार्ड का आंकड़ा
फिलहाल जिले में सभी श्रेणियों के कुल 4 लाख 42 हजार 185 राशन कार्डधारी परिवार हैं। जिनमें 18 लाख 30 हजार से अधिक यूनिट (सदस्य) हैं, जबकि खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जिले में कुल 2 लाख 6 हजार 521 राशन कार्ड बनाए गए हैं। इनमें कुल 9 लाख 41 हजार 468 सदस्य शामिल हैं, जो योजना का लाभ ले रहे हैं।

1560 ने जमा किए आवेदन
गिव अप अभियान के तहत कार्रवाई के डर से अब तक 1560 परिवारों ने योजना से नाम हटवाने के लिए विभाग को आवेदन जमा करवाए हैं। इन 1560 राशन कार्डों में कुल 7608 सदस्य शामिल हैं। इन सभी को जिला रसद अधिकारी कार्यालय ने योजना से बाहर कर दिया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 1 नवंबर 2024 से अब तक 96 हजार 700 से अधिक अपात्र व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना से बाहर किया जा चुका है। गिव अप अभियान के अलावा जिन लोगों के नाम सूची से हटाए गए हैं, उनमें वे सदस्य शामिल हैं जो जिले से बाहर चले गए हैं, विवाहित हैं या उनकी मृत्यु हो चुकी है आदि। वहीं 26 जनवरी 2025 से पोर्टल खुलने के बाद से पात्र व वंचित लाभार्थियों को भी जोड़ा जा रहा है। अब तक 59 हजार 619 नए नाम योजना में शामिल किए जा चुके हैं।

इनका कहना है
अपात्र लोगों को योजना से हटाने के लिए विभाग की ओर से गिव अप अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 31 मई तक चलेगा, जिसमें सक्षम परिवार स्वेच्छा से योजना से अपना नाम हटा सकते हैं। निर्धारित तिथि तक नाम नहीं हटाने पर ऐसे सक्षम लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वैसे, एक नवंबर से अब तक जिले में 96 हजार से अधिक अपात्र लोगों को सूची से हटाया जा चुका है।

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