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टाइगर रिजर्व में प्रदूषण पर लगेगा ब्रेक! रणथम्भौर और सरिस्का में इलेक्ट्रिक बस सेवा जल्द होगी शुरू, पहले चरण में दौडेंगी 80 बसें

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राज्य सरकार ने प्रदेश के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और वन क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। सरकार धार्मिक स्थलों पर स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ई-बसों का संचालन शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पहले चरण में राज्य के दो टाइगर रिजर्व में इस प्रकार की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसमें रणथंभौर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर और अलवर के सरिस्का स्थित पांडुपोल मंदिर शामिल हैं।

आगामी सीजन से होगी शुरुआत
वन अधिकारियों ने बताया कि विभाग गणेश धाम से जोगी महल गेट तक सवारी पद्धति के आधार पर इन बसों का संचालन शुरू करने का इरादा रखता है। इससे पेट्रोल-डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी।

सरकार खरीद रही है 80 बसें
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार द्वारा 80 बसें खरीदी जा रही हैं। इनमें से 40 बसें त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक और 40 बसें सरिस्का के पांडुपोल मंदिर तक संचालित करने की योजना है। इनके संचालन की ज़िम्मेदारी राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को सौंपी गई है।

पहले भी ई-बसें चलाने की योजना थी
सरकार ने बसों के रखरखाव के लिए एक निजी कंपनी के साथ समझौता किया है। रणथंभौर में गणेश धाम से जोगी महल तक इन बसों का संचालन करने की योजना है। हालाँकि, पहले भी इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना थी, लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई।

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