राजस्थान में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 15 नए मामले मिले हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 7 मरीज जयपुर में आए हैं। वहीं, बीकानेर में 3 और उदयपुर में 2 मामले मिले हैं। देश में बढ़ते कोरोना को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर राज्यों से लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से रोकने और मास्क के इस्तेमाल को लेकर जागरूक करने को कहा है। साथ ही केंद्र सरकार ने 2 जून तक राज्य के सभी जिला, उप जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू, दवाइयों और पीपीई किट की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार जयपुर के सवाई मानसिंह और आरयूएचएस अस्पताल में एक-एक मामला सामने आया है, जबकि 5 अन्य मामले एक निजी डायग्नोसिस सेंटर में मिले हैं। इनके अलावा बीकानेर में 3, उदयपुर में 2, जोधपुर में एक और 2 अन्य जगहों पर मिले हैं। इस तरह इस साल अब तक राजस्थान में कुल 69 मरीज मिल चुके हैं।
केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी की एडवाइजरी
कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क और तैयार रहने की एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय की ओर से लिखे गए पत्र में बताया गया कि कोविड के मामलों में बढ़ोतरी ओमीक्रॉन वैरिएंट के नए सब वैरिएंट जेएन 1, एक्सएफजी और एलएफ 7.9 के कारण हो रही है, जो बुखार, खांसी, गले में खराश आदि जैसे हल्के लक्षण पैदा कर रहे हैं। 28 मई तक देश में कोविड के 1621 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 90 फीसदी से ज्यादा मामले सिर्फ छह राज्यों (केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक) से हैं।
तैयारियां रखने के निर्देश
एडवाइजरी पत्र में केंद्र ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को जिला, उप जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू, दवाइयां और पीपीई किट की उपलब्धता की समीक्षा कर 2 जून तक रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही उन मरीजों के सैंपल लेकर जांच करने के निर्देश दिए हैं जिनमें गंभीर श्वसन संक्रमण और 5 प्रतिशत इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण दिख रहे हैं। साथ ही ऐसे मामलों में पाए जाने वाले पॉजिटिव मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने स्वास्थ्य विभाग को हाथ धोने, खांसते समय मुंह ढकने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने, बुजुर्गों और बीमार लोगों को भीड़ से बचाने और मास्क के इस्तेमाल को लेकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
भारत में कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट मिले
भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से सीक्वेंस किए गए वैरिएंट एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी.1.8.1 सीरीज के हैं।अन्य जगहों से सैंपल लेकर सीक्वेंस किए जा रहे हैं, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, इसे निगरानी में रखे जाने वाले वैरिएंट की श्रेणी में रखा गया है। चीन समेत एशिया के अन्य देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यह वैरिएंट देखने को मिल रहा है।एनबी.1.8.1 के ए435एस, वी445एच और टी478आई जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट के मुकाबले तेजी से फैलते हैं। कोविड के खिलाफ बनने वाली इम्युनिटी का भी इन पर असर नहीं होता।कोविड का जेएन.1 वैरिएंट भारत में सबसे आम है। जांचे गए आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिला है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वेरिएंट के मामले भी पाए गए हैं।
JN.1 वेरिएंट इम्युनिटी को कमजोर करता है
JN.1 ओमिक्रॉन के BA2.86 का स्ट्रेन है। इसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया था। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो इम्युनिटी को कमजोर करते हैं।अमेरिका की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, JN.1 दूसरे वेरिएंट के मुकाबले ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह ज्यादा गंभीर नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वेरिएंट बना हुआ है।JN.1 वेरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो आपको लॉन्ग टर्म कोविड हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।राजस्थान में गुरुवार को कोरोना के 15 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से जयपुर में 9, जोधपुर में 2 और उदयपुर में 4 मामले मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना के नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हाल ही में पुणे स्थित एनआईवी में भेजे गए 4 मरीजों के सैंपल में एक्सएफजी के 2 और एलएफ.7.9 के 2 मामले मिले हैं।
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