Next Story
Newszop

अक्षय तृतीया से पहले राजस्थान के इस जिले में पुलिस का बड़ा एक्शन! एकसाथ रुकवाए 14 बाल विवाह अदालत ने भी दिया साथ

Send Push

बूंदी जिले में अक्षय तृतीया से पहले संभावित बाल विवाहों को रोकने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और जिला बाल संरक्षण इकाई की ओर से किए जा रहे प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। प्रशासन ने गेण्डोली, रायथल, इन्द्रगढ़ और बासौली थाना क्षेत्रों में दबिश देकर 14 बाल विवाहों पर न्यायालय से स्थगन आदेश जारी करवाए। इस कार्रवाई से ग्रामीण क्षेत्रों में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि बाल विवाह के खिलाफ प्रशासन और पुलिस की अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

न्यायालयों से जारी हुई निषेधाज्ञा

बाल संरक्षण इकाई से जुड़े रामनारायण गुर्जर ने बताया कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन होने वाले बाल विवाहों की सूचना मिलने पर चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की टीम, तहसीलदारों और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से विभिन्न न्यायालयों से निषेधाज्ञा जारी करवाई गई। प्रशासन ने परिजनों को बाल विवाह के दुष्परिणाम समझाए और प्रभावी कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद पेश किया। न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर सभी 14 बाल विवाहों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया।

इन्होंने निभाई अहम भूमिका

इस कार्रवाई में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सीमा पौद्दार, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक हुकमचंद्र जाजोरिया, रायथल तहसीलदार प्रकाशचंद्र मीना, इंद्रगढ़ तहसीलदार राजेंद्र मीना, नायब तहसीलदार रामभरोस मीना, इंद्रगढ़ थाने के एएसआई महावीर सैनी सहित कई अधिकारी, कर्मचारी व पुलिसकर्मी सक्रिय रहे। सभी ने अलग-अलग टीमों के साथ मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रुकवाने में अहम भूमिका निभाई।

धार्मिक नेताओं ने भी निभाई अहम भूमिका
बाल विवाह रोकने के इस अभियान में धार्मिक नेताओं ने भी अहम भूमिका निभाई है। ग्राम राज्य विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान ने 'जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन' नेटवर्क के तहत विभिन्न धर्मों के पुरोहितों के बीच जागरूकता अभियान चलाया, जो व्यापक रूप से सफल रहा। संस्थान की कार्यक्रम प्रमुख मनीषा मीना ने बताया कि धार्मिक नेताओं का भरपूर सहयोग मिला और उनके सहयोग से यह विश्वास हो गया है कि इस अक्षय तृतीया पर बूंदी जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होगा।

Loving Newspoint? Download the app now